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आगरा : सरकारी स्कूलों से 36805 विद्यार्थियों का पलायन, विद्यार्थी निजी स्कूलों में प्रवेश ले रहे

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आगरा : सरकारी स्कूलों से 36805 विद्यार्थियों का पलायन, विद्यार्थी निजी स्कूलों में प्रवेश ले रहे

आगरा । सरकार की ओर से संचालित बेसिक स्कूलों में अभिभावक बच्चों को पढ़ाने से तौबा कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं के लाभ से ज्यादा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने पर जोर दे रहे हैं। यही कारण है कि परिषदीय, अनुदानित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक, बालश्रम उन्मूलन, समाज कल्याण विभाग के स्कूलों और कस्तूरबा विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2015-16 के मुताबिक 2016-17 में 36805 विद्यार्थियों का पंजीकरण कम हुआ है। विद्यार्थी निजी स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं।

  इन विद्यालयों से गत दो सत्रों में 45837 छात्र-छात्राओं का पलायन हुआ है। सर्वाधिक कमी परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पंजीकरण में आ रही है। जबकि इन विद्यालयों में प्रति वर्ष शिक्षकों की संख्या बढ़ रही है। 2958 परिषदीय विद्यालयों में 9141 के करीब शिक्षक और शिक्षा मित्र तैनात हैं। 30 करोड़ रुपये से अधिक प्रति माह इनके वेतन पर खर्च हो रहा है। इसके बाद भी सभी शिक्षक नियमित रूप से और समय पर विद्यालयों में उपस्थिति नहीं दर्ज करा रहे हैं। अधिकारियों के प्रत्येक निरीक्षण में बड़ी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित पाए जा रहे हैं। वहीं कुछ स्कूलों में ताले लगे मिल रहे हैं।
सरकार की नीतियां भी विद्यार्थियों के पलायन के लिए जिम्मेदार हैं। अप्रैल से सत्र का संचालन किया जा रहा है। अक्तूबर-नवंबर तक किताबों का वितरण हो पा रहा है। बिना पूरी किताबें पहुंचे अर्द्ध वार्षिक परीक्षा संपन्न हो गई। शिक्षकों की जिम्मेदारी नहीं तय की जा रही है। शिक्षण कार्य के अलावा अन्य कार्यों में ड्यूटी लगाई जा रही है। स्कूलों में पेयजल, बिजली, शौचालय आदि की व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं हैं।  

ऐसे आ रही गिरावट
शैक्षणिक सत्र            कुल विद्यार्थी
2014-15               3,12,230
2015-16               3,03198
2016-17               2,66393
ये आंकडे़, परिषदीय, अनुदानित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक, बालश्रम उन्मूलन, समाज कल्याण विभाग के स्कूलों और कस्तूरबा विद्यालयों के हैं।

ये योजनाएं चल रहीं
- सरकार की ओर से संचालित स्कूलों में विद्यार्थियों को नि:शुल्क यूनिफार्म और किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। मिड-डे मील के अलावा हफ्ते में एक दिन विद्यार्थियों को मौसमी ताजे फल और दूध वितरित किया जा रहा है।

परिषदीय स्कूलों की स्थिति
2086 परिषदीय प्राथमिक विद्यालय हैं
872 परिषदीय जूनियर विद्यालय हैं
6201 शिक्षक हैं प्राथमिक विद्यालयों में
2390 शिक्षक जूनियर विद्यालयों में तैनात हैं
550 के करीब शिक्षामित्र हैं

सुविधाओं का ये है हाल
735 स्कूलों में नहीं है बिजली का कनेक्शन
517 स्कूलों में हैंडपंप नहीं हैं, लगाने के लिए अब रुपये दिए गए
144 स्कूलों में शौचालय उपयोग के लायक नहीं हैं

30 करोड़ रुपये से ज्यादा मासिक वेतन
219040429 रुपये ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को दिए जा रहे
10355144 रुपये नगर क्षेत्र के शिक्षकों को दिए जा रहे
77055694 रुपये शिक्षामित्रों को दिए जा रहे

विद्यार्थियों के पंजीकरण में इस कदर गिरावट चिंताजनक है। प्रत्येक विद्यालय की रिपोर्ट देखी जाएगी। शिक्षकों की संख्या के अनुपात में जहां छात्र संख्या अधिक घटी है। संबंधित प्रधानाध्यापक और शिक्षक से जवाब तलब किया जाएगा। अभियान चलाकर आगामी सत्र में पंजीकरण बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।
- दिनेश कुमार यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी

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