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आजमगढ़ : परिषदीय स्कूल में चिल्ड्रेन बैंक, मिलेगा ब्याज भी

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परिषदीय स्कूल में चिल्ड्रेन बैंक, मिलेगा ब्याज भी


Pमजहां सोच वहीं राह। कुछ इसी तर्ज पर सरकारी स्कूल यानी बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालय अंबारी प्रथम विकास खंड पवई में एक स्कूल के शिक्षकों ने नई पहल तहत बच्चों के लिए चिल्ड्रेन बैंक की स्थापना की है। यह बैंक पूरी तरह विशेषज्ञों की अगुवाई में बच्चे चलाएंगे। बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए इस बैंक की स्थापना की गई है। अधिकतम बच्चे एक दिन में दस रुपये ही डाल सकेंगे। बच्चों को पॉसबुक भी मिलेगा। इतना ही नहीं, यह सब गतिविधियां बच्चों के अभिभावकों के संज्ञान में भी होगा। स्कूल छोड़ते वक्त बच्चे को पूरी राशि ब्याज समेत मिलेगा। इस बैंक का शुभारंभ पहली जनवरी को जिलाधिकारी करेंगे।...

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जहां सोच वहीं राह। कुछ इसी तर्ज पर सरकारी स्कूल यानी बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालय अंबारी प्रथम विकास खंड पवई में एक स्कूल के शिक्षकों ने नई पहल तहत बच्चों के लिए चिल्ड्रेन बैंक की स्थापना की है। यह बैंक पूरी तरह विशेषज्ञों की अगुवाई में बच्चे चलाएंगे। बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए इस बैंक की स्थापना की गई है। अधिकतम बच्चे एक दिन में दस रुपये ही डाल सकेंगे। बच्चों को पॉसबुक भी मिलेगा। इतना ही नहीं, यह सब गतिविधियां बच्चों के अभिभावकों के संज्ञान में भी होगा। स्कूल छोड़ते वक्त बच्चे को पूरी राशि ब्याज समेत मिलेगा। इस बैंक का शुभारंभ पहली जनवरी को जिलाधिकारी करेंगे।

नियम एवं शर्तें

-अध्ययनरत छात्र-छात्राएं ही इस बैंक में धनराशि जमा व निकासी कर सकेंगे।

-बैंक के कर्मचारी छात्र-छात्राएं होंगे। इसका चयन शिक्षक सर्वसम्मति से करेंगे।

-नकदी के रखरखाव व सुरक्षा की जिम्मेदारी सीधे प्रधानाध्यापक की होगी।

-बैंक के समस्त दस्तावेजों के रखरखाव की जिम्मेदारी बैंक स्टॉफ की होगी।

-बैंक का निरीक्षण, आडिट गणित व अर्थशास्त्र के जानकार शिक्षक करेंगे।

-बैंक में एक बार में यानी एक दिन में जमा की अधिकतम सीमा दस रुपये।

-सामाजिक संस्था व दानदाताओं के पैसे से ब्याज को मेंटेन किया जाएगा।

-स्कूल छोड़ने पर छात्रों को जमा संपूर्ण राशि ब्याज समेत मिलेगा।

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बच्चों में बचत की आदत डालने के लिए यह पहल हुई है। सरकारी स्कूल में गरीब घर के बच्चे पढ़ते हैं पर एक दो रुपये उनके भी हाथ में होते हैं। अगर वह माह में 20 रुपये भी जमा करते हैं तो साल में 240 रुपये जमा होंगे। कक्षा आठ तक सरकारी स्कूल में फीस नहीं लगती है। न ही ड्रेस व बैग, जूते आदि पर खर्च करने होते हैं। जब यह कक्षा आठ पास करके यह बच्चे स्कूल से निकलेंगे तो उनके पास इतने पैसे जरूर होंगे कि वह अगली कक्षा की किताब व फीस आदि की व्यवस्था अपनी पॉकेट की बचत से कर सकें।

राजेश यादव, प्रधानाध्यापक , प्राथमिक विद्यालय अंबारी प्रथम

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