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भदोही : परिषदीय स्कूलों में प्रवेश कराने को विवश हो जाय अभिभावक

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परिषदीय स्कूलों में प्रवेश कराने को विवश हो जाय अभिभावक


शिक्षक बच्चों के लिए उस कुम्हार की तरह होता है जो उन्हें सजा-संवारकर बेहतर बनाता है। शिक्षकों को चाहिए की बच्चों को इस तरह से शिक्षा दें कि अभिभावक परिषदीय स्कूलों में अपने बच्चों का नामांकन कराने के लिए विवश हो जाएं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय ककराही मे गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग व अंरबिदो सोसाइटी के तत्वावधान में शून्य निवेश नवाचार के तहत आयोजित जनपद स्तरीय इनोवेदित पाठशाला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने यह बातें कहीं...

जागरण संवाददाता, लालानगर (भदोही) : शिक्षक बच्चों के लिए उस कुम्हार की तरह होता है जो उन्हें सजा-संवारकर बेहतर बनाता है। शिक्षकों को चाहिए की बच्चों को इस तरह से शिक्षा दें कि अभिभावक परिषदीय स्कूलों में अपने बच्चों का नामांकन कराने के लिए विवश हो जाएं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय ककराही मे

गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग व अंरबिदो सोसाइटी के तत्वावधान में शून्य निवेश नवाचार के तहत आयोजित जनपद स्तरीय इनोवेदित पाठशाला एवं प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने यह बातें कहीं। मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर उन्होंने कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

जिलाधिकारी ने कहा कि ज्ञान बांटने की चीज होती है। इसे कोई चुरा नहीं सकता। इसे जितना बांटा जाय उतना ही बढ़ता है। कहा कि पहले से अब परिस्थिति काफी बदल गई है। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को भोजन, नि:शुल्क पुस्तकों से लेकर जूता-मोजा तक उपलब्ध कराया जा रहा है। अब जरुरत है कि शिक्षक अपनी प्रतिभा का उपयोग बच्चों को शिक्षा देने में करें। मुख्य विकास अधिकारी हरिशंकर सिंह ने कहा कि आज टीबी का स्क्रीन बड़ा होता जा रहा है लेकिन लोगों की भावना संकुचित होती जा रही है। भावना को बड़ा बनाकर बच्चों के भविष्य को संवारने पर जोर दिया। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी अमित कुमार सिंह शिक्षकों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर जिले के करीब 60 प्राथमिक विद्यालयों की ओर से अनुपयोगी वस्तुओं से तैयार शैक्षिक सामग्री के लगाए गए स्टालों का जिलाधिकारी ने अवलोकन किया। इस मौके पर डायट प्राचार्य राजेन्द्र प्रसाद, अंरविदो सोसायटी के अभिषेक श्रीवास्तव, नितिन झा, सतीश पाठक, पुष्पा अग्रवाल, दिलीप शुक्ला, नरेंद्र मिश्र, राजेंद्र पटेल, नवीन श्रीवास्तव सहित अन्य शिक्षक व बच्चे थे।

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