पढ़ाई हार्ड नहीं बल्कि स्मार्ट होनी चाहिए: आकांक्षा
जागरण संवाददाता, आगरा: विवि के दीक्षा समारोह में 11 गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली गोल्डन गर्ल आकांक्षा सिंह ने कहा कि 11 नंबर उनके लिए लकी बन गया। 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर 11 मेडल प्राप्त कर बहुत खुशी हो रही है।
गोल्डन गर्ल ने कहा कि एमबीबीएस के बाद अब वह पोस्ट ग्रेजुएशन करेंगी। डॉक्टर बनने के बाद वह ग्रामीण क्षेत्र से अपनी सेवा शुरू करना चाहती हैं। सफलता के लिए उन्होंने अपने पिता सतवीर सिंह, माता सरला व शिक्षकों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि मेहनत और लगन के साथ प्रयास किया जाए तो सफलता अवश्य मिलेगी। आज के समय में पढ़ाई हार्ड नहीं, बल्कि स्मार्ट होनी चाहिए। आपको कब क्या पढ़ना है, इसका टाइम टेबल हो। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने पर उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के फायदे और नुकसान होते हैं, यह हमें तय करना होगा कि हमारी प्राथमिकता क्या हैं। माता-पिता के कार्यक्रम में न आ पाने पर उनका कहना था कि अगर वे आते तो यह पल और यादगार होते।
गार्ड की बेटी चंचल बनी मेडलिस्ट: दीक्षा समारोह में पांच मेडल प्राप्त करने वाली मथुरा के केआर पीजी कॉलेज की चंचल अपने घर की पहली मेडलिस्ट हैं। पिता लक्ष्मन गार्ड की नौकरी करते हैं। मां रेशम हाउस वाइफ हैं। तीन भाई बहनों में सबसे छोटी चंचल की सफलता पर माता-पिता खुशी से फूल नहीं समा रहे। चंचल ने बताया कि घर में मेडल प्राप्त करने वाली वह पहली सदस्य हैं। माता-पिता ने हमेशा उनको पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं माना।