देवरिया : फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में तेज हुई जांच
अबतक करीब एक दर्जन से अधिक शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। वहीं एसटीएफ ने भी डेढ़ सौ से अधिक शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की सूची तैयार कर ली है। एसटीएफ गोरखपुर यूनिट की तरफ से बीएसए कार्यालय को संदिग्ध शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराई जा रही है। हर माह डेढ़ दर्जन शिकायतें पहुंच रही हैं। अधिकतर शिकायतें सही मिल रही हैं। बीएसए प्रकाश नारायण श्रीवास्तव ने कहा कि एसटीएफ जो भी सूचनाएं मांग रही है। उसे उपलब्ध कराया जा रहा है। फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।
बिना सत्यापन कैसे जारी हो गया नियुक्ति पत्र
देवरिया के मेहड़ा निवासी द्विजेंद्र कुमार मिश्र पुत्र शंभूनाथ मिश्र की नियुक्ति 68500 (4704 पुनमरूल्यांकन) के जरिए प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर हुई थी। वर्तमान में वह बनकटा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय कुसम्हाचक में तैनात थे। सभी संबंधित शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालय से कराया गया, जिसमें स्नातक की डिग्री व प्रमाण-पत्र वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से करने का प्रमाण-पत्र लगाया गया था। इसका सत्यापन कराया गया जो फर्जी मिला। सवाल उठता है कि आखिर बिना प्रमाण-पत्रों की जांच के नियुक्ति पत्र कैसे जारी हो गया? लोगों का कहना है कि विभागीय मिलीभगत के बिना शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के सत्यापन में खेल नहीं हो सकता। यह तो एक उदाहरण है। इस तरह के तमाम मामले सामने आ चुके हैं।