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लखनऊ : पुरानी पेंशन के लिए सड़क पर उतरे राज्य कर्मचारी

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लखनऊ : पुरानी पेंशन के लिए सड़क पर उतरे राज्य कर्मचारी

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, निजीकरण पर रोक लगाने और आउटसोर्स कर्मियों की सेवा सुरक्षा के लिए नियमावली बनाने सहित कई मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों ने गुरुवार को प्रदेश के सभी जिलों में धरना दिया। सभी जिलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे ज्ञापन में कर्मचारियों ने मांगों पर जल्द निर्णय न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन के आह्वान पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने गुरुवार को सभी जिलों में धरने का कार्यक्रम बनाया था। लखनऊ में जीपीओ पर सभा हुई, जबकि अन्य जिलों में भी कर्मचारियों ने इसी तरह धरना-प्रदर्शन किया। परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि आंदोलन में सभी मेडिकल कालेज व विशिष्ट संस्थान, केजीएमयू, सभी सरकारी अस्पताल, एनएचएम, परिवार कल्याण, समाज कल्याण, व्यापार कर, कृषि, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवहन, रोडवेज, वन, नगर निगम, सेतु निगम औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पशुपालन, होम्योपैथ व आयुर्वेद विभाग के कर्मचारी शामिल हए, जिससे विभागों का कामकाज प्रभावित हुआ। इससे नागरिकों को हुई असुविधा के लिए परिषद ने सरकार की उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया है।

लखनऊ में सभा को संबोधित करते हुए इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कहा कि आश्वासनों के बावजूद मांगें लंबित हैं, जिससे कर्मचारी आंदोलन को मजबूर हैं। इप्सेफ ने प्रधानमंत्री से तत्काल बैठक कर मांगों पर सार्थक निर्णय करने का आग्रह किया है। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के महामंत्री शशि कुमार मिश्र ने मांगों को लेकर प्रदेश सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया। आंदोलन में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल थे।

राब्यू, लखनऊ : जल निगम प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कर्मचारी गुरुवार को सड़क पर आ गए। शासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए वे रैली लेकर निकले लेकिन, पुलिस ने मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर उन्हें रोक लिया। दूसरी तरफ दो दिन से उपवास पर बैठे निगम इंजीनियरों ने भी शुक्रवार को रैली निकालने की चेतावनी दी है।

जल निगम कर्मचारियों के मुताबिक फरवरी-मार्च में 35 दिन तक चले आंदोलन के बाद निगम के चेयरमैन जी.पटनायक ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही सातवां वेतनमान लागू करने का आश्वासन दिया था।

यह हैं मांगें

पुरानी पेंशन योजना बहाल हो, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नियमावली बने, राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन हो, केंद्र की तरह राज्य कर्मचारियों को भी वेतन-भत्ते व अन्य सुविधाएं दी जाएं, रिक्त पदों पर नियमित भर्तियां की जाएं, आयकर छूट की सीमा आठ लाख रुपये की जाए, जबरन सेवानिवृत्ति बंद की जाए, सार्वजनिक क्षेत्र को पहले की तरह बनाए रखा जाए, स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को बोनस का भुगतान किया जाए।

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