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आजमगढ़ : शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता पर बीएसए निलंबित, कई अधिकारियों पर केस

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आजमगढ़ : शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता पर बीएसए निलंबित, कई अधिकारियों पर केस

आजमगढ़ वरिष्ठ संवाददाता । शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता के मामले में बीएसए देवेंद्र कुमार पांडे को निलंबित कर दिया गया है। अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 20 प्रधानाध्यापकों के चयन का अनुमोदन और कला वर्ग व भाषा अध्यापक पद पर 45 अध्यापकों तथा 20 सहायक अध्यापकों के चयन में हुई अनियमितता पर यह कार्रवाई की गई। कमिश्नर कनकलता त्रिपाठी ने इस बाबत शासन को रिपोर्ट भेजी थी। कमिश्नर की संस्तुति पर बीएस को निलंबित करने के साथ ही पटल सहायक, संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी व प्रबंधकों पर मुकदमा दर्ज करने के भी आदेश दिये गए हैं।

कमिश्नर ने शासन से मिले पत्र के आधार पर सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को निर्देशित किया है कि इन नियुक्तियों में अनुमोदन बिना शासनादेश एवं अभिलेखों के आधार पर परीक्षण किये बगैर ही गंभीर अनियमितता की गई है। इसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ ही पटल सहायक संजीव कुमार श्रीवास्तव तथा खण्ड शिक्षा अधिकारी बिलरियागंज, अजमतगढ़, रानी की सराय, पल्हनी, अतरौलिया, हरैया, जहानागंज, मुहम्मदाबाद गोहना, महराजगंज, पवई तथा फूलपुर के साथ ही सम्बन्धित सभी विद्यालय के प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराते हुए शासन को अवगत कराएं।

शासन ने बीएसए को निलंबन की अवधि तक शिक्षा निदेशक (बेसिक) के कार्यालय से सम्बद्ध करने के भी निर्देश दिए हैं। शासन द्वारा प्राप्त निर्देश के क्त्र म में कमिश्नर कनक त्रिपाठी ने प्रकरण में संलिप्त पटल सहायक खण्ड शिक्षा अधिकारियों, प्रबन्धकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के साथी विभागीय कार्यवाही तत्काल कराने के लिए एडी बेसिक को निर्देशित किया है।

चार सदस्यीय कमेटी ने की थी जांच 
कमिश्नर को इन 85 नियुक्तियों के संबंध में शिकायत मिली थी । उन्होने इन शिकायतों की जांच चार सदस्यीय समिति से कराई। जिसमें इन नियुक्तियों में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। समिति में अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र की अध्यक्षता में, संयुक्त शिक्षा निदेशक एपी वर्मा, एडी बेसिक डा. राजेश कुमार आर्य व संयुक्त विकास आयुक्त कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी अनिल कुमार को सम्मिलित किया गया थाा। 

रिपोर्ट में कई कमियां हुई थी उजागर  
इस जांच में यह खुलासा हुआ था कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नियुक्ति हेतु पूर्वानुमति देते समय संस्था में कार्यरत अध्यापकों की शैक्षिक एवं प्रशिक्षण अर्हता से सम्बन्धित अंक पत्र व प्रमाण पत्र नियुक्ति/अनुमोदन से सम्बन्धित कागजातों का परीक्षण नहीं किया गया है। जनपद आज़मगढ़ के दुर्बासा, बनगॉंव, हाजीपुर बम्हौर, तहबरपुर, बनाखुर्द, गंगटिया, रानीपुर रजमो, अहियायी, मेहमौनी, सुदईपुर, गजेन्द्रपट्टी, बेलकुण्डा, चेवता, आज़मपुर, शेखमौली, खाझेपुर, खानपुर, पकड़ी व चण्डेश्वर स्थित कुल 20 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में 20 प्रधानाध्यापकों के चयन का अनुमोदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया। बीएसए द्वारा इन सभी पदों को अनारक्षित वर्ग में भरे जाने की अनुमति संस्था प्रबन्धकों को दी गयी । त्रुटिपूर्ण विज्ञापन होने के कारण अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा आवेदन नहीं दिया गया। यह भी कि इनके द्वारा अनुमोदन देते समय परीक्षण नहीं किया गया कि चयनित प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक के रूप में अनुमोदित हैं तथा इनकी सेवा पुस्तिका व वेतन भुगतान का परीक्षण किये बगैर ही चयनित शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत 5 वर्ष के अनुभव प्रमाण पत्र को मान्य कर प्रधानाध्यपक पर चयन को अनुमोदित कर दिया गया।

इन विद्यालयों में भी हुई थी गड़बड़ी 
जांच में पाया गया था कि बीएसए द्वारा खोर्रमपुर, रग्घूपुर, जमसर लुचुई, मुबारकपुर, दुर्बासा, चेंवता, करमैनी, रानीपुर रजमा, अहियायी मेंहनगर, चक्त्रपानपुर, पल्हनी, सुल्तानपुर, मिल्कीपुर, चन्दनी, आजमपुर, जालन्धरी, अवंती पहलवानपुर, हूसेपुर, खाझेपुर, ककरही दुलार, तपसीनगर, खानपुर भगतपट्टी, जयराजपुर, मादेपुर, मऊकुतुबपुर, बिन्द्राबाजार, गौरा तहबरपुर, पूनापार, पकड़ी, कूबाखास, खेजुरी, मंगितपुर, अमुआरी नरायन आदि स्थलों पर स्थित कुल 34 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में 45 कला वर्ग व भाषा विषय के व 20 विज्ञान विषय के सहायक अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति के लिए पूर्वानुमति दी गयी परन्तु नियुक्ति के लिए अनुमति पत्र में कला वर्ग में विषय का उल्लेख नहीं किया गया, जबकि कला वर्ग में गणित व विज्ञापन को छोड़कर सभी विषय हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, उर्दू, कला, सामाजिक विज्ञान, बेसिक क्त्राफ्ट आदि आते हैं। प्रबन्धक द्वारा त्रुटिपूर्ण विज्ञापन कराया गया तथा मनमाने ढंग से आवश्यकता न होते हुए भी कला वर्ग व भाषा विषय में चयनित अध्यापकों की नियुक्ति का बिना परीक्षण किये ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुमोदन कर दिया गया, जो पूर्णतया अनियमित थी।

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