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बिहार : बिहार बोर्ड के टॉपर्स की दिल छू लेने वाली कहानियां, कोई मजदूर तो कोई सब्जी बेचने वाले का बच्चा

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बिहार : बिहार बोर्ड के टॉपर्स की दिल छू लेने वाली कहानियां, कोई मजदूर तो कोई सब्जी बेचने वाले का बच्चा

लाइव हिन्दुस्तान,पटनाUpdated: Tue, 26 May 2020 04:15 PM

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बिहार बोर्ड मैट्रिक का रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया गया। इस बार कुल 80.59% विद्यार्थी पास हुए हैं। रोहतास जिले के हिमांशु राज स्टेट टॉपर रहे तो टॉप 10 स्थानों पर कुल 41 विद्यार्थियों ने कब्जा जमाकर अपना, अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया है। अधिकतर टॉपर्स बेहद गरीब घरों के चिराग हैं, जिन्होंने अपनी शिक्षा की रोशनी से उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ा दिया है। 

सब्जी बिक्रेता का बेटा हिमांशु राज स्टेट टॉपर
बिहार बोर्ड के स्टेट टॉपर हिमांशु राज रोहतास जिले के दिनारा प्रखंड के तेनुअज पंचायत के नटवार कला गांव वार्ड नं 10 के निवासी हैं। हिमांशु राज के पिता सुभाष सिह सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है। माता मंजू देवी कुशल गृहिणी है। हिमांशु से बड़ी एक बहन है जो इंटर में पढ़ती है। हिमांशु की इच्छा तो ऊंची उड़ान भरने की है लेकिन परिवार की आर्थिक परेशानी को देखते हुए उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की बात कही।

किसान के बेटे दुर्गेश को दूसरा स्थान 
बिहार बोर्ड परीक्षा में दूसरे स्थान पर रहे दुर्गेश कुमार उजियारपुर थाना क्षेत्र के मालती के समीप स्थित बिदुलिया गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने समस्तीपुर के जितवारपुर स्थित श्रीकृष्णा हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। किसान जयकिशोर सिंह के बेटे दुर्गेश ने कहा कि उनकी सफलता के पीछे उसके माता पिता का योगदान महत्वपूर्ण है। मां-पिता की प्रेरणा से ही उन्हें इतनी बड़ी सफलता मिली है। दुर्गेश चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। दुर्गेश के पिता खेतीबारी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। दुर्गेश ने बताया कि आईआईटी कर एक कुशल इंजीनियर बन देश की सेवा करना उनका लक्ष्य है।

बिहार के टॉप-3 टॉपरों की सूची में एक छात्रा ने कब्जा जमाया है। छात्रा जूली कुमारी को 478 अंक हासिल हुए हैं। बिहार के अरवल जिले की रहने वाली जूली ने बालिका हाई स्कूल से पढ़ाई की है। जूली के अलावा भोजपुर जिले के हरखेन कुमार जैन के शुभम कुमार को भी 478 अंक ही मिले हैं। इसके अलावा औरंगाबाद के रहने वाले राजवीर सिंह को भी 478 अंक ही मिले। राजवीर पटेल हाई स्कूल के छात्र हैं।

मजदूर के बेटे मुन्ना को राज्य में चौथा स्थान
जिले के दाउदनगर पटवा टोली निवासी गोपाल प्रसाद के पुत्र मुन्ना कुमार ने मैट्रिक परीक्षा में राज्य भर में चौथा स्थान प्राप्त किया है। मुन्ना को कुल 477 अंक मिले हैं। मुन्ना बेहद गरीब परिवार से हैं और इनके पिता मजदूरी करते हैं। 

हिंदुस्तान से बातचीत में मुन्ना ने बताया कि वे आगे पढ़ाई कर आईएएस बनना चाहते हैं। मुन्ना ने बताया कि पढ़ाई के दौरान वे कोचिंग भी जाते थे। रोजाना 8 घंटे सेल्फ स्टडी करते थे। मुन्ना की सफलता पर पिता गोपाल प्रसाद काफी खुश हैं। मुन्ना चार भाइयों में सबसे छोटा है। इनकी दो बहनें हैं। अपने घर मे पढ़ाई करने वाला मुन्ना एकलौता है। इनके सभी भाई मात्रा 5वीं तक ही पढ़े किए हैं। भाई मनोज, योगेंद्र और विनय तीनों मजदूरी करते हैं। बहन चंद्रावती और मलती घर का काम संभालती है। मां नगवा देवी भी मजदूरी करती हैं। मुन्ना ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, भाई बहन के अलावा शिक्षकों को दिया है। पढ़ाई कर रहे छात्रों को मन लगाकर पढ़ने और अनुशासन में रहने की सलाह दी है। इनका मानना है कि मेहनत के अलावा सफलता की कोई सीढ़ी नहीं है।

शिक्षक के बेटे को बिहार में छठा स्थान, बनेगा इंजीनियर
औरंगाबाद जिले के दाउदनगर प्रखंड के मिश्र बिगहा निवासी शिक्षक अशोक मिश्रा के बेटे अंकित कुमार ने राज्य में छठा स्थान प्राप्त किया है। अंकित को मैट्रिक परीक्षा में 475 अंक मिले हैं। अंकित पटेल हाई स्कूल दाउदनगर का छात्र है। हिंदुस्तान से बातचीत में अंकित ने बताया कि वह पढ़ाई कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। अंकित ने सेल्फ स्टडी और स्कूल की पढ़ाई के बदौलत यह सफलता हासिल की है। अंकित ने बताया कि वह किसी कोचिंग में पढ़ाई करने नहीं जाता था। पिता ही घर पर पढ़ाते थे। वह रोजाना 7 घंटा सेल्फ स्टडी करता था। अंकित की मां माया देवी गृहणी हैं। अंकित दो भाई और एक बहन है। बड़े भाई हिमांशु ने इस बार 12वीं की परीक्षा पास की है। बहन स्वीटी कुमारी छठी कक्षा की छात्रा है। अंकित ने सफलता का श्रेय अपने माता पिता भाई बहन के अलावा शिक्षकों को दिया है।

छठा स्थान दीपांशु प्रिया
किसान उच्च विद्यालय, मोरसंड की छात्रा और समस्तीपुर प्रखंड के चकहाजी (रूप नारायणपुर बेला पंचायत) निवासी संजीव कुमार राम व विनीता कुमारी की पुत्री दीपांशु प्रिया ने मैट्रिक की परीक्षा में राज्य में छठा रैंक पाकर जिले का नाम रौशन किया है। मां-पिता समेत बड़े भाई प्रियांशु अमन व छोटे भाई आयुष अमन की दुलारी बहन दीपांशु ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से पूरी की। बाद में किसान उच्च विद्यालय, मोरसंड से 10वीं की परीक्षा पूर्ण लगन व मेहनत से दी। अब तक शिक्षकों, स्वाध्याय और माता पिता के सहयोग से इस मुकाम तक पहुंचने वाली दीपांशु भविष्य में आईएएस अफसर बनना चाहती है। वर्तमान मे पिता गांव मे ही किराना की छोटी सी दुकान चलाते हैं तो मां जीविका में सीएनआरसी के पद पर कार्यरत है। मंगलवार को रिजल्ट आते ही उसे बधाई देने वालों का घर पर तांता लगा रहा।

शिक्षक पिता के होनहार बेटे हेमंत को नौवां स्थान
घर में पढ़ाई लिखाई का माहौल मिला तो हेमंत की प्रतिभा को निखरने का अतिरिक्त अवसर प्राप्त हो गया। शिक्षक पिता के मार्गदर्शन में हुलासगंज प्रखंड के सूरजपुर गांव के हेमंत ने मैट्रिक परीक्षा की गंभीरता से तैयारी की और उसे इसका सुखद परिणाम भी प्राप्त हुआ। परीक्षा में 472 अंक लाकर सूबे में 9वीं रैंक हासिल करने पर हेमंत के घर में मंगलवार को काफी खुशी का माहौल था। 

पिता अरुण कुमार और आंगनवाड़ी सेविका के रूप में कार्यरत माता बबली कुमारी का चेहरा गर्व से भरा हुआ था। हुलासगंज उच्च विद्यालय के छात्र हेमंत ने कहा कि उसे शुरू से ही उम्मीद थी कि परीक्षा में 95 फीसदी के करीब अंक आएंगे। मेडिकल संस्थान में प्रवेश के इच्छुक उक्त होनहार छात्र ने परीक्षा की अपनी तैयारी के बारे में बताया कि पिता के एक दोस्त से भी उसे तैयारी में काफी मदद मिली। गणित और विज्ञान के अच्छे जानकार अरुण कुमार ने भी अपने बेटे की पढ़ाई पर नजर बनाए रखी और उसे टिप्स देते रहे। उसने बताया कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आप कितना घंटा पढ़ते हैं, बल्कि महत्वपूर्ण है कि आप कितनी गंभीरता से पढ़ते हैं और चीजों को कितना समझ पाते हैं।

आंगनबाड़ी सेविका के बेटे को मैट्रिक परीक्षा में नौवां स्थान
अगर लक्ष्य को निर्धारित कर परिश्रम किया जाय तो सफलता कदम चूमती है। इसे चरितार्थ किया है संग्रामपुर प्रखण्ड के दक्षिणी भवानीपुर पंचायत के पकड़ी गांव निवासी शुभम कुमार ने। बिहार बोर्ड में राज्य में नौवां स्थान प्राप्त कर उसने जिले का नाम रोशन किया है। शुभम श्री महावीर उच्च माध्यमिक विद्यालय ठिकहा भवानीपुर का छात्र है। उसे परीक्षा में 472 अंक मिले हैं। शुभम की मां शोभा देवी आंगनबाड़ी सेविका और पिता शत्रुध्न सहनी छोटे किसान हैं। उसकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इसके बावजूद पिता ने उसे पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दी। उसने गांव में ही रहकर पढ़ाई की। यहीं ट्यूशन किया।

शुभम ने बताया कि आगे चल कर वह आईएएस बनकर समाज का सेवा करना चाहता है । वह अपनी सफलता का श्रेय माता पिता व ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक अनिल कुमार साह को देता है। उन्हीं के मार्ग दर्शन में पढ़ाई कर सफलता मिली। शुभम दो भाई व एक बहन हैं। उसकी बड़ी बहन अंजली कुमारी बीए पार्ट 2 व छोटे भाई सुशांत कुमार छठी कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। माता-पिता व दोनों भाई बहन का अपने भाई की सफलता पर खुशी का ठिकाना नहीं है। 

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