खेतासराय (जौनपुर): यह विभागीय उदासीनता की एक मिसाल है। प्राथमिक विद्यालय पोरई कलॉ में तीन सौ पचास छात्र-छात्राओं पर एक भी शिक्षक नहीं है। शिक्षक विहीन इस विद्यालय का भार दो शिक्षामित्र के भरोसे छोड़ दिया गया है। सबसे बड़ी हास्यास्पद स्थिति तो तब होती है जब शिक्षण के अभाव में बच्चे अन्य स्कूलों में भाग जाते हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत करोड़ों रुपया अब तक खर्च किया गया। बावजूद इसके शिक्षा का यह हाल है जिस पर लोगों को चर्चा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। विद्यालय के दरवाजे वर्षों से टूटे पड़े हैं। हैंड पंप खराब पड़ा है। बच्चे दूर गांव मे जाकर पानी पीते हैं। विकलांग बच्चों की रे¨लग भी नहीं है। इस बाबत एबीएसए शाहगंज रुद्र प्रताप यादव ने कहा कि शिक्षामित्र ही बतौर शिक्षक हैं। जब तक अंतिम निर्णय नहीं
गोरखपुर : श्री दीप साहित्यिक सेवा संस्थान के तत्वावधान में आज कर्मफल
भावार्थ पुस्तक का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम का भव्य आयोजन विद्वत
मनीषियों एवं अतिथियों की उपस्थिति में प्रेस क्लब में हुआ सम्पन्न
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