एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें लखनऊ महराजगंज इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश सिद्धार्थनगर फतेहपुर गोण्डा कुशीनगर बदायूं सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस श्रावस्ती सहारनपुर बहराइच मुरादाबाद कानपुर जौनपुर अमरोहा लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर शाहजहांपुर बागपत बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना बुलंदशहर देवीपाटन फरीदाबाद

Search Your City

सोनभद्र :सफाई व्यवस्था से गच्चा खा जाएगा शिक्षा विभाग

0 comments

सफाई व्यवस्था से गच्चा खा जाएगा शिक्षा विभाग

सोनभद्र: विद्यालयों की साफ-सफाई शिक्षा विभाग के गले का फांस बन गया है। प्रमुख सचिव शिक्षा ने जनवरी में प्रत्येक जिले में लखनऊ से टीम भेजकर जांच कराए जाने का फरमान जारी करते हुए टीम भी बना दी है। इसे लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी हांफ रहे हैं। लगातार निरीक्षण कर कमियों को दूर करने के प्रयास में लगे हुए हैं लेकिन उनके लिए दो मामले गले की फांस बन गए हैं। एक तो छात्रों की उपस्थिति काफी कम है एवं दूसरा स्कूल परिसर व शौचालय की साफ-सफाई नहीं हो पा रही है।

लखनऊ की टीम जिले में कब आएगी, अभी इसका कोई प्रोटोकाल तो नहीं आया है लेकिन महकमे के अधिकारी गंभीर ही नहीं सक्रिय भी हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों को लगातार स्कूलों के निरीक्षण का निर्देश दे रखा है और वे खुद विद्यालयों का निरीक्षण कर रहे हैं। ऐसे में जिन विद्यालयों में बिजली नहीं है उसके विद्युतीकरण, शौचालय, दरवाजा, कक्ष, रसोई को चकाचक करने की हिदायत दी जा रही है। इन मामलों में ज्यादातर स्कूल ठीकठाक भी हैं लेकिन निरीक्षण में दो मसले शिक्षा विभाग की नींद उड़ाए हुए है। पहला यह है कि छात्रों की संख्या बेहद कम है। शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों पर दबाव बना रहे हैं कि छात्रों की उपस्थिति शत-प्रतिशत कराई जाए लेकिन अभिभावक हैं कि छात्रों को स्कूल भेज ही नहीं रहे हैं। दूसरा व बड़ा मुद्दा यह है कि शौचालय का उपयोग नहीं कराया जा रहा है। इसके पीछे शिक्षकों की परेशानी भी है। दरअसल सफाई कर्मी स्कूल में झाड़ू लगाने तो आते ही नहीं, फिर ऐसे में शौचालय की सफाई कौन करेगा।

डीपीआरओ का मिले सहयोग तो बने बात

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनभरन राम राजभर ने कहा कि शिक्षकों की सफाई कर्मी सुनते ही नहीं। जिला पंचायत राज विभाग का सहयोग मिले तो काफी हद तक बात बन जाए। प्रधान चाहे तो स्कूल की सफाई कायदे से हो सकती है। इसमें सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों को सहयोग भी करना चाहिए। सफाई कर्मियों को प्रतिदिन स्कूल भेजना चाहिए ताकि बच्चे शौचालयों का उपयोग कर सके।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।