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लखनऊ : राजधानी के निजी स्कूल बच्चों के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़, न योग्य शिक्षक न छात्रों के बैठने के लिए जगह

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लखनऊ : राजधानी के निजी स्कूल बच्चों के भविष्य के साथ कर रहे खिलवाड़, न योग्य शिक्षक न छात्रों के बैठने के लिए जगह

डेली न्यूज नेटवर्कलखनऊ। राजधानी के निजी स्कूल बच्चों के भविष्य के साथ कैसे खिलवाड़ कर रहे हैं, ये दो उदाहरण इसे बताने के लिए पर्याप्त हैं। शिक्षा विभाग की मिली भगत कर राजधानी के दर्जनों ऐसे स्कूल हैं जिन्होंने मानक पूरे न करने के बाद भी मान्यता ले ली। स्थित यह है कि कोई 10वीं की मान्यता पर 12वीं कक्षा तक चला रहा है तो कोई पूरी तरह से बिना मान्यता ही स्कूल संचालित कर रहा है।शहर में चल रहे दर्जनों ऐसे स्कूलों ने शिक्षा को व्यावसाय बना लिया है। अभिभावकों से मोटी फीस वसूलने के साथ ही ये स्कूल संचालक कॉपी किताब से लेकर यूनीफार्म तक में कमीशन ले रहे हैं। लेकिन बच्चों को सुविधाओं के नाम पर बरामदे में बैठाया जा रहा।बिना मान्यता चल रहे स्कूलराजधानी के आरडीएस मेमोरियल स्कूल मडियांव शिव नगर-दो में संचालित है, लेकिन इसके पास कक्षाएं चलाने की मान्यता नहीं है, फिर भी स्कूल के बाहर कक्षा 10 तक की कक्षाएं संचालित होने का दावा किया गया है। अजीजनगर स्थित सरस्वती बालिका विद्या मंदिर एक घर में चल रहा है। कक्षा आठ तक मान्यता प्राप्त यह विद्यालय भी मानक पूरे नहीं करता है। हालांकि स्कूल संचालक विकास त्रिपाठी का दावा है कि उनके यहां सिर्फ मान्य कक्षाएं संचालित हो रही हैं। कृष्णा नगर के मानस नगर स्थित आवासीय पब्लिक स्कूल के पास यूपी बोर्ड की मान्यता है, लेकिन इसकी जगह यहां ड्रीम इंडिया स्कूल चल रहा है। 


शासन स्तर पर विशेष प्रावधान कर निजी स्कूलों को नियम में छूट देकर मान्यता दी गई थी, उन्हें तीन साल में अपने मानक भी पूरे करने थे, लेकिन अब फिर से इन स्कूलों की जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

उमेश कुमार त्रिपाठी जिला विद्यालय निरीक्षक


मड़ियांव के अजीज नगर में चल रहे आनंद पब्लिक इंटर कॉलेज के पास 10वीं तक मान्यता है। लेकिन कॉलेज इंटर तक है। एक कमरे में दो-दो कक्षाएं चल रही हैं। बुधवार को कक्षाएं दो कमरों व बरामदे में चलती मिलीं। शिक्षक शिव कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि छह से सात शिक्षक यहां पढाते हैं।बाल निकेतन इंटर कॉलेज को 12वीं तक मान्यता मिली है। लेकिन यहां बच्चों के बैठने तक की जगह नही है सीनियर कक्षाएं बुधवार को बरामदे में चल रही थीं।

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