गोरखपुर : देव दीप साहित्य संगम, गोरखपुर का प्रथम मासिक गोष्ठी का हुआ जोरदार आग़ाज़, प्रत्येक माह होगी गोष्ठी।
गोरखपुर । देव दीप साहित्य संगम ने अपने प्रथम मासिक गोष्ठी को रविवार दिनांक 29/06/2025 से श्री विश्वकर्मा सेवा संस्थान बशारतपुर गोरखपुर से प्रारम्भ किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री ओम नारायण विश्वकर्मा जी (पूर्व बीएसए) और अध्यक्षता श्रीमती अनुरीता जी थाड़े मुम्बई ने किया। कार्यक्रम का संचालन भोजपुरी के कवि अरविन्द अकेला ने करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ करने लिए कवियत्री बिन्दू चौहान को मां सरस्वती की वन्दना करने के लिए आमंत्रित किया जिन्होंने मां सरस्वती की सुन्दर वन्दना करते हुए शानदार आगाज़ किया। इसके उपरांत मां सरस्वती का माल्यार्पण मुख्य अतिथि एवं अध्यक्षा जी के द्वारा किया गया।
संचालनकर्ता के आमंत्रण पर कवि गोपाल दूबे जी ने भोजपुरी गीत सुनाते हुए गोष्ठी में चार-चांद लगाया। इसके बाद वंदना सूर्यवंशी ने अपने साज बाज के साथ एक अपना भजन और गीत सुनाते हुए सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। बिहार राज्य के गोपालपुर से आये हुए कवि दुर्गादत्त मिश्र ने कुछ मुक्तकों के साथ भोजपुरी में हास्य-व्यंग्य गीत सुनाते हुए उपस्थिति श्रोताओं एवं कवियों का वाह-वाही लूटा। इसी क्रम में लय ताल से लबरेज़ मां और बच्चे के प्यार को परिभाषित करते हुए संतकबीरनगर से आये हुए कवि राजेश मृदुल ने शानदार गीत सुनाया जिसे सुनने के उपरांत लोग-बाग भावुक हुए क्योंकि सभी को अपनी पुरानी यादों को टटोलने के लिए अपने गीत से मजबूर कर दिया। जिसकी सभी लोगों ने बड़ी तारिफ करते हुए तालियों की गड़गड़ाहट से हाल को गूंजायमान कर दिया।
गाजीपुर के कवि राजकुमार ने आज के माहौल पर अपने हास्य व्यंग्यात्मक गीतों से सबको प्रसन्न कर दिया। शारिरिक रुप से विकलांग थे लेकिन सभी ने उनकी तारीफ़ की भले विकलांगता उनके शरीर में थी परन्तु मां वीणा पाणि की उनके वाणी और स्वर में महती कृपा है। इसी प्रकार और कवियों ने अपनी अपनी रचनाओं को सुनाकर सबकी वाह-वाही लूटी।
काव्यगोष्ठी संचालक के आमंत्रण पर संस्था के उपाध्यक्ष गोरखपुर के निवासी आदरणीय श्रेष्ठ कवि नन्दलाल मणि त्रिपाठी पिताम्बर ने सम्बोधन करते हुए स्वागत किया उसके बाद सबको मंत्र मुग्ध करने वाला काव्य पाठ किया जिससे तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा सदन गूंजायमान हो गया। संस्था अध्यक्ष कवि दिनेश गोरखपुरी ने अपने दोहे सुनाकर सभी से वाह-वाही लूटी।
काव्यगोष्ठी संचालक एवं संस्था सचिव कवि अरविंद अकेला ने जो भोजपुरी कवि के रुप में ख्याति प्राप्त हैं उन्होंने अपने हास्य-व्यंग्य भोजपुरी गीतों को सुनाकर सबको ठहाका लगाने के लिए मजबूर कर दिया जिसका सभी लोगों ने भूरी-भूरी प्रशंसा की। इसी क्रम में संस्था कोषाध्यक्ष कवि ई. दानिश विश्वकर्मा ने अपने कविता से सबका मन गुदगुदाया।
इसी क्रम में संस्था के मीडिया प्रभारी कवि दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल ने मां सरस्वती की वन्दना के रुप में मुक्तक के साथ अपने काव्यपाठ को प्रारम्भ करते हुए अपने प्रेम गीतों के माध्यम से शमां बांध दिया, जिसकी प्रशंसा श्रोताओं एवं कवियों ने खूब की।
अंत में संचालन कर्ता के आह्वान पर संस्था अध्यक्ष एवं सचिव ने सबको बताया कि सभी कविगण लिखित रुप से काव्यगोष्ठी में पढ़ी गयी अपनी रचनाओं को दे देंगे जिससे प्रकाशक कवि दिनेश गोरखपुरी जी साझा संग्रह के रूप में पुस्तक का रुप दिया जायेगा जो दूर-दूर तक जायेगी जिससे सभी नवोदित कवियों का भी नेम-फेम बढ़ेगा और उनकी एक पहचान साहित्य के क्षेत्र में बनेगी। संस्था के तमाम अन्य सम्भावित योजनाएं को भी बताया। जिसे धीरे-धीरे क्रियान्विति किया जायेगा।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ने कहा कि हर चीज भाव से उत्पन्न होती है एक से बढ़कर एक कवियों की कविता भी मन के भाव से ही उत्पन्न हुई जो हमेशा सबका ध्यान अपनी ओर से हटने ही नहीं दिया। काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं बाम्बे से आयी हुईं कवियत्री ने अपने गीत और भजन से सबके हृदय को आह्लादित कर दिया।
इस अवसर पर काव्य गोष्ठी में सूरज राम आदित्य, विवेकानंद, आचार्य कृष्ण शर्मा, अभय कुमार श्रीवास्तव, अवधेश नंद, रविन्द्र मोहन त्रिपाठी सहित अन्य कई कवियों और तमाम श्रोताओं ने प्रतिभाग किया। अंत में देव दीप साहित्य संगम के अध्यक्ष कवि दिनेश गोरखपुरी ने सबका आभार व्यक्त करते हुए आज के काव्यगोष्ठी के समापन की घोषणा करते हुए बताया कि प्रत्येक माह में एक काव्यगोष्ठी देव दीप साहित्य संगम संस्था के तरफ से कराई जायेगी।