विद्यालयों में अब नहीं चलेगी मनमानी
संतकबीर नगर : प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब शिक्षकों की मनमानी नहीं चलने पाएगी। अब तक ऐसे-तैसे पाठ्यक्रम पूरा कराने का कार्य नहीं चलेगा। जुलाई से वार्षिक शैक्षिक पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य पूरा करना होगा। इसकी समीक्षा भी होगी। लापरवाही बरतने पर संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
परिषदीय विद्यालयों में बोर्ड परीक्षा के बाद शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने के लिए कैलेंडर जारी किया गया। निर्धारित पाठ्यक्रम के तहत पठन -पाठन कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। अप्रैल में विद्यालय खुलने के बाद पूरे माह समय-सारिणी तैयार होती रही। किताबों के अभाव में 20 मई तक ऐसे-तैसे पढ़ाई हुई। अब बच्चों में अपेक्षित न्यूनतम ज्ञान न मिलने पर संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई भी होगी। निरीक्षण में इसकी जांच की जा रही है। इसके लिए शासन से दिशा निर्देश मिले हैं। बीआरसी से एनपीआरसी के माध्यम से शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए अपेक्षित कार्य समय सीमा के भीतर किया जाएगा। इसकी समीक्षा भी निरीक्षण में की जाएगी।
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सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था
विद्यालयों में पठन-पाठन की स्थिति में सुधार होगा। शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने के विभाग इसके लिए गंभीर है। इस दिशा में हर संभव सार्थक प्रयास किए जाएंगे। जुलाई से विद्यालय खुलने से पूर्व ही सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। शिक्षण कार्य की बराबर समीक्षा भी की जाएगी। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता अक्षम्य होगी। इसके लिए बीईओ निर्देशित किया गया है।
- अजीत कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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यह है न्यूनतम ज्ञान
- कक्षा एक के बच्चे को एक से सौ तक की संख्या का ज्ञान तथा दो अंकीय जोड़ आना अनिवार्य है। भाषा विषय में परिचित विषय वस्तु, दृश्य, कविता व कहानी आदि समझते हुए सुनना व बोलना, सरल वाक्य व छोटी कविताएं पढ़ना व मात्रायुक्त शब्दों का ज्ञान जरूरी है। कक्षा दो व तीन के बच्चों को गिनती ज्ञान, दो अंकीय जोड़, एक अंकीय गुणा-भाग, विभिन्न विषयों को समझते हुए सुनना तथा स्वर के साथ बोलना, गद्य एवं पद्य खंडों को पढ़ना, अनुलेख, श्रुतलेख एवं सुलेख की जानकारी का मानक निर्धारित कर दिया है। कक्षा चार से पांच तक के बच्चों में सभी प्रकार हल करने का ज्ञान होना जरूरी है।