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मुजफ्फरनगर : बीआरसी का मोह नहीं छोड़ पा रहे 50 शिक्षक, योगी सरकार ने 13 अप्रैल को शासनादेश जारी कर कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को परिषदीय स्कूलों में वापस भेजने के आदेश दिए थे ।

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मुजफ्फरनगर : बीआरसी का मोह नहीं छोड़ पा रहे 50 शिक्षक, योगी सरकार ने 13 अप्रैल को शासनादेश जारी कर कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को परिषदीय स्कूलों में वापस भेजने के आदेश दिए थे ।

मुजफ्फरनगर। बीआरसी पर जमे 50 शिक्षक मूल विद्यालयों में जाने को तैयार नहीं है। सियासी जुगाड़बाजी के दम पर जिले के नौ ब्लाकों और नगर क्षेत्र में स्थित प्रत्येक बीआरसी पर पांच अध्यापक तैनाती पाए हैं। योगी सरकार ने 13 अप्रैल को शासनादेश जारी कर कार्यकाल पूरा कर चुके शिक्षकों को परिषदीय स्कूलों में वापस भेजने के आदेश दिए थे।

सूबे में भले ही नई सरकार आ गई है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में सरकारी आदेश बेमानी हैं। जिले में नौ ब्लाक पर शिक्षा परियोजना परिषद के अंतर्गत शिक्षकों को चयन प्रक्रिया के बाद निर्धारित बीआरसी पर सह समन्वयक नियुक्त किए जाने का प्रावधान है। नगर क्षेत्र में भी पांच अध्यापक बीआरसी बनाए जाते हैं। शिक्षण कार्य की जिम्मेदारी से बचने के लिए बड़ी संख्या में अध्यापक बीआरसी बनने की होड़ में रहते हैं। बीआरसी चुने जाने के बाद भी इन शिक्षकों का वेतन उसी स्कूल से निकलता है, जहां इनकी नियुक्ति है। कई अध्यापक ऐसे हैं जो राजनीतिक एप्रोच के चलते कई सालों से बीआरसी पर जमे हुए हैं। विडंबना की बात यह है कि बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और जूनियर विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षकों की कमी है।
ऐसे परिषदीय स्कूलों के अध्यापक भी बीआरसी बना दिए गए, जहां बच्चों की संख्या अधिक और शिक्षकों की कम है। कई स्कूलों में तो सिर्फ एक अध्यापक और सैकड़ों बच्चे हैं। प्रदेश सरकार के निर्देश पर शिक्षा परियोजना परिषद के अपर परियोजना निदेशक ने 13 अप्रैल को बीआरसी को हटाने का निर्देश जारी किया था। आदेश में ब्लाक संसाधन केंद्रों पर सह समन्वयकों को वापस तैनाती के मूल विद्यालयों में भेजने और नई चयन प्रक्रिया सम्पादित करने को कहा गया है। शासनादेश पर अमल करते हुए बीएसए चंद्रकेश सिंह यादव ने 15 मई को सभी खंड शिक्षा अधिकारी और नगर शिक्षा अधिकारी को बीआरसी पर तैनात शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों में वापस कार्यभार ग्रहण कराने का निर्देश दिया था। बीएसए दफ्तर की लापरवाही कहें या बीआरसी पर जमे अध्यापकों की हठधर्मिता, कोई भी शिक्षक स्कूलों में ज्वाइन करने को तैयार नहीं है। समायोजन प्रक्रिया रद्द होने से सरकारी स्कूलों वैसे ही शिक्षकों का संकट है।

*वर्जन----*

अपर परियोजना निदेशक के आदेश पर जिले के ब्लाक संसाधन केंद्रों पर कार्यरत बीआरसी शिक्षकों को मूल विद्यालयों में भेजने के आदेश दिए गए हैं। नई चयर प्रक्रिया के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। बीआरसी पर तैनात शिक्षकों को रिलीव करने के लिए बीईओ को निर्देश दिया गया है।
- चंद्रकेश यादव, बीएसए

*समायोजन के लिए मांगे आवेदन*

मुजफ्फरनगर। बेसिक शिक्षा परिषद ने कई अड़चनों के बाद पुन: अध्यापकों से शैक्षिक सत्र 2107-18 में समायोजन और स्थानांतरण के लिए 19 अगस्त से ऑन लाइन आवेदन मांगे हैं। जिले के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तबादले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 28 अगस्त है। शिक्षकों से रिक्त पांच विद्यालयंों का विकल्प समायोजन और स्थानांतरण के लिए लिया जा सकेगा। गुणवत्ता दअंकों के आधार पर शिक्षकों को स्थानांतरण में लाभ मिलेगा। असाध्य और गंभीर रोग, विकलांग, महिला शिक्षकों को वरियता दी जाएगी।

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