एटा : भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षामित्रों को पुलिस ने दौड़ाया
अमरउजाला ब्यूरो एटा । प्रदेश सरकार के खिलाफ शनिवार को भी शिक्षामित्रों का आक्रोश थमता नजर नहीं आया। संघर्ष के बाद जहां एक ओर पुलिस शिक्षामित्रों को खोजती नजर आई। वहीं दूसरी ओर शिक्षामित्रों ने शहीद पार्क में भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान पार्क में पुलिस के पहुंचते ही शिक्षामित्र भाग रफूचक्कर हो गए। वहीं कुछ शिक्षामित्रों को पुलिस ने दौड़ा दिया।
शुक्रवार को संघर्ष के बाद से शिक्षा मित्रों को लेकर पुलिस सख्त हो गई है। शनिवार को सुबह 10 बजे शिक्षामित्र शहीद पार्क में इकट्ठा हए और शांतिपूर्वक भूख हड़ताल शुरू कर दी। शिक्षामित्रों ने कहा कि उन पर हुए अत्याचार को लेकर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही शिक्षामित्रों के खिलाफ की गई याचिका वापस लेने की मांग की। शिक्षामित्रों के भूख हड़ताल की खबर मिलते ही पुलिस शहीद पार्क पहुंच गई। पुलिस के पहुंचते ही शिक्षामित्र भूख हड़ताल छोड़ भागने लगे। पुलिस ने शिक्षामित्रों को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इस दौरान दाऊ दयाल, नारायन सिंह, नरेंद्र सिंह, विनोद कुमार, संजय यादव, ओम कुमार, सुखदेव यादव, नीतू चौहान, बिजेंद्र पाल सिंह, शिवम चौहान, अनुराधा, हैप्पी चौहान, संतोष कुमारी, मिथलेश, नीरज, अनीता, प्रतिभा, मीना बेगम मौजूद रहे।
स्कूल वापस लौटे शिक्षामित्र
संघर्ष के बाद पुलिसिया कार्रवाई को देखते हुए शनिवार को शिक्षामित्रों ने स्कूलों में वापसी की। इस दौरान तमाम शिक्षामित्रों ने स्कूल पहुंचकर शिक्षण कार्य किया।
सोशल मीडिया पर फैली अफवाह
शनिवार को सोशल मीडिया पर हुए संघर्ष में घायल होने के बाद आगरा रेफर की गईं महिला शिक्षामित्र के बारे मेें अफवाह फैली। जिसे लेकर शिक्षामित्रों में हड़कंप मच गया। बाद में एक शिक्षामित्र नेता ने सूचना का खंडन करते हुए अफवाह प्रसारित नहीं करने के लिए कहा।
धैर्य बनाए रखें, हम कोशिश कर रहे हैं
जिले के कुछ शिक्षामित्र नेता भूमिगत हो चुके हैं।शनिवार शाम को शिक्षामित्र नेता राजेश गुप्ता की ओर से सोशल मीडिया पर संदेश वायरल किया गया। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र साथी धैर्य बनाए रखें। हम कोशिश कर रहे हैं। संघर्ष जाया नहीं जाएगा, शासन-प्रशासन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इधर, पुलिस शिक्षामित्र नेता की खोज में जुटी है।