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इलाहाबाद : यूपी टीईटी 2017 का मूल्यांकन कठघरे में, दोनों ही वर्ग की परीक्षाओं में चार-चार प्रश्नों के जवाब गलत होने की बात कर रहे अभ्यर्थी

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UPTET : यूपी टीईटी 2017 का मूल्यांकन कठघरे में, दोनों ही वर्ग की परीक्षाओं में चार-चार प्रश्नों के जवाब गलत होने की बात कर रहे अभ्यर्थी

राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद। टीईटी 2017 का परिणाम आना बाकी है जबकि, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से जारी उत्तरमाला पर अभ्यर्थियों का दावा ठीक बैठा तो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर, दोनों ही परीक्षा का मूल्यांकन कठघरे में होगा। परीक्षा कराने वाली संस्था की ओर से उपलब्ध कराई गई वेबसाइट पर कई अभ्यर्थियों ने आपत्ति भेजने की तैयारी कर ली है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें सही अंक न मिले तो न्यायालय की शरण लेंगे। दोनों ही वर्ग की परीक्षाओं में चार-चार प्रश्नों के जवाब गलत होने की बात अभ्यर्थी कह रहे हैं।

रविवार 15 अक्टूबर को हुई टीईटी 2017 के परिणाम तैयार किए जाने की परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र, इलाहाबाद में कवायद चल रही है। वेबसाइट पर इसकी उत्तरमाला जारी हो चुकी है, जिसका मिलान कर लाखों अभ्यर्थी अपना मूल्यांकन लगभग खुद ही कर चुके हैं।

कई अभ्यर्थियों ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर विकल्प के अनुसार मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों की ओर से सही माने गए उत्तर को गलत ठहराया है।

उच्च प्राथमिक स्तर के प्रश्नपत्र सेट ए में प्रश्न संख्या 40, 41, 53 और 107 के सही जवाब उत्तरमाला के हिसाब से गलत होने का दावा किया जा रहा है। विशेषकर प्रश्न संख्या 40 में ‘बिनु पग चलै सुनै बिनु काना, कर बिनु कर्म करै विधि नाना’ में प्रयुक्त अलंकार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से जारी उत्तरमाला में उत्तर विकल्प तीन यानी असंगति बताया गया है। अभ्यर्थियों के अनुसार इसका उत्तर विभावना अलंकार होगा।

प्रश्न संख्या 41 में ‘मुई’ तत्सम के रूप के उत्तर को मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों ने उत्तर विकल्प दूसरा यानी ‘सूचि’ बताया है जबकि अभ्यर्थी उत्तर विकल्प चार यानी सूची को सही करार दे रहे हैं। सेट ए के ही प्रश्न संख्या 53 और 107 के उत्तर को भी उत्तरमाला में गलत ठहराया गया है।

उधर प्राथमिक स्तर की परीक्षा में भी चार प्रश्नों के उत्तर, उत्तरमाला में गलत होने का दावा दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ की ओर से किया गया है। अभ्यर्थियों ने अभी दावे को वेबसाइट पर नहीं भेजा है लेकिन, उनका कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने उन्हें सही अंक न दिए तो न्यायालय की शरण लेंगे।

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राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद । टीईटी 2017 का परिणाम आना बाकी है जबकि, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से जारी उत्तरमाला पर अभ्यर्थियों का दावा ठीक बैठा तो प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर, दोनों ही परीक्षा का मूल्यांकन कठघरे में होगा। परीक्षा कराने वाली संस्था की ओर से उपलब्ध कराई गई वेबसाइट पर कई अभ्यर्थियों ने आपत्ति भेजने की तैयारी कर ली है। अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें सही अंक न मिले तो न्यायालय की शरण लेंगे। दोनों ही वर्ग की परीक्षाओं में चार-चार प्रश्नों के जवाब गलत होने की बात अभ्यर्थी कह रहे हैं।

रविवार 15 अक्टूबर को हुई टीईटी 2017 के परिणाम तैयार किए जाने की परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उप्र, इलाहाबाद में कवायद चल रही है। वेबसाइट पर इसकी उत्तरमाला जारी हो चुकी है, जिसका मिलान कर लाखों अभ्यर्थी अपना मूल्यांकन लगभग खुद ही कर चुके हैं। 1कई अभ्यर्थियों ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर विकल्प के अनुसार मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों की ओर से सही माने गए उत्तर को गलत ठहराया है।

उच्च प्राथमिक स्तर के प्रश्नपत्र सेट ए में प्रश्न संख्या 40, 41, 53 और 107 के सही जवाब उत्तरमाला के हिसाब से गलत होने का दावा किया जा रहा है। विशेषकर प्रश्न संख्या 40 में ‘बिनु पग चलै सुनै बिनु काना, कर बिनु कर्म करै विधि नाना’ में प्रयुक्त अलंकार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से जारी उत्तरमाला में उत्तर विकल्प तीन यानी असंगति बताया गया है। अभ्यर्थियों के अनुसार इसका उत्तर विभावना अलंकार होगा।

प्रश्न संख्या 41 में ‘मुई’ तत्सम के रूप के उत्तर को मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों ने उत्तर विकल्प दूसरा यानी ‘सूचि’ बताया है जबकि अभ्यर्थी उत्तर विकल्प चार यानी सूची को सही करार दे रहे हैं। सेट ए के ही प्रश्न संख्या 53 और 107 के उत्तर को भी उत्तरमाला में गलत ठहराया गया है।

उधर प्राथमिक स्तर की परीक्षा में भी चार प्रश्नों के उत्तर, उत्तरमाला में गलत होने का दावा दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ की ओर से किया गया है। अभ्यर्थियों ने अभी दावे को वेबसाइट पर नहीं भेजा है लेकिन, उनका कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने उन्हें सही अंक न दिए तो न्यायालय की शरण लेंगे।

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