एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

Search Your City

इलाहाबाद : पिछले पांच साल में हुई 600 भर्तियों में ‘खेल’ का राजफाश करेगी सीबीआइ: बढ़ी प्रतियोगियों की सक्रियता।

0 comments

इलाहाबाद : पिछले पांच साल में हुई 600 भर्तियों में ‘खेल’ का राजफाश करेगी सीबीआइ: बढ़ी प्रतियोगियों की सक्रियता।

इलाहाबाद : लगभग पांच साल में छह सौ भर्तियां। इनमें 30 हजार से अधिक लोगों का चयन। पीसीएस परीक्षा ही नहीं, लोअर सबॉर्डिनेट, कृषि विभाग, अभियंत्रण सेवा, चिकित्सा शिक्षा समेत कई अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाएं। इनमें एक जाति विशेष व कम अंक वाले प्रतियोगियों को प्राथमिकता ही नहीं बल्कि अन्य ‘खेल’ होने के आरोप हैं। उप्र लोकसेवा आयोग की यह तस्वीर सीबीआइ जांच में उजागर हुई तो अरबों रुपये का वारा-न्यारा होने की बात भी सामने आ सकती है।
उप्र लोकसेवा आयोग की सपा शासनकाल में एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच शुरू हो चुकी है। सीबीआइ टीम की प्रारंभिक जांच फिलहाल लखनऊ से शुरू हो चुकी है लेकिन, जल्द ही इसके उप्र लोकसेवा आयोग के इलाहाबाद मुख्यालय में भी आना तय है। आयोग में इसको लेकर हलचल तेज हो गई है। बताते हैं कि सीबीआइ टीम लीडर के निर्देश पर कई महत्वपूर्ण तथ्य मांगे गए हैं। वहीं इस बात की चर्चा भी जोरों पर है कि सीबीआइ जांच में आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में बड़ा ‘खेल’ होने की बात उजागर हो सकती है। उसमें पूर्व अध्यक्ष ही नहीं बल्कि पूर्व की सपा सरकार में रहे कई मंत्रियों के भी जांच के जद में आने के आसार हैं। 1आरोप यह भी है कि पूर्व अध्यक्ष की मनमानी के चलते नियुक्तियों में चहेतों का चयन ही नहीं हुआ। प्रतियोगी छात्रों के अनुसार दलालों के माध्यम से पीसीएस व अन्य परीक्षाओं की सीटें फिक्स कराने का लंबा खेल चला। मेहनत से तैयारी करने वाले छात्र खौफ के साये में रहे। सरकार में बैठे मंत्रियों और विधायकों से आयोग की बेजा गतिविधियों का संबंध होने की भनक मिलने पर अधिकांश प्रतियोगी छात्र आवाज नहीं उठा सके। अब सीबीआइ जांच शुरू हो जाने पर इसकी संभावना जताई जाने लगी है कि वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारियों की टीम आयोग का कच्चा चिट्ठा खोलेगी। भर्तियों में रिश्वतखोरी और दलाली की सच्चाई उजागर होने पर प्रदेश में उच्च सेवाओं के लिए परीक्षा कराने वाले उप्र लोकसेवा आयोग की छवि भी दागदार हो सकती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।