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सम्भल : उत्साहवर्धन करके बढ़ाएं बच्चों का आत्मविश्वास

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सम्भल : उत्साहवर्धन करके बढ़ाएं बच्चों का आत्मविश्वास

सम्भल : बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में जुटे बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें समझा जाए। उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अभिभावकों पर बड़ी जिम्मेदारी रहती है और अभिभावक ही अपने बच्चों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। इसके लिए बच्चों का उत्साहवर्धन किया जाना चाहिए।

बच्चों को बहुत तनाव उस वक्त होता है जब उनकी परीक्षा सिर पर आती है। परीक्षा के पहले ढेर सारी पढाई और याद करने का काम उनके लिए किसी मुसीबत से कम नही होता है। ये सिर्फ उनकी समस्या नही होती है जिनको परीक्षा देनी है बल्कि ये परिवार के लिए भी तनाव का कारण होता है। ये तनावपूर्ण माहौल परीक्षा देने के बाद खत्म नही होता है बल्कि परिणाम आने तक चलता है। इस माहौल में बच्चों को माता पिता अच्छी तरीके से मदद कर सकते हैं। सुझाव को ध्यान में रखकर बच्चे के लिए उनकी परीक्षा आसान बनायी जा सकती है। अभिभावक यशपाल त्यागी कहते हैं कि अच्छी तरीके से प्लान बनाएं और बच्चों के पढने का समय निर्धारित करें। इसमें इस बात को शामिल करें कि बच्चे को ब्रेक भी मिले ताकि वो खुद को तरोता•ा महसूस करा सकें। उनसे ये जानें कि सबसे मुश्किल विषय उनके लिए कौन सा है फिर उसपर खुद भी ध्यान दें और आसान बनाने में उनकी मदद करें। अभिभावक मुनेंद्र ¨सह कहते हैं कि पढ़ने के लिए बच्चे के पास आरामदायक जगह होनी चाहिए जहां पर उनको टीवी, लैपटॉप, आदि का शोर न सुनाई दे। अगर बच्चे का बैठना का तरीका सही नही है तो उनको गरदन में दर्द, सिर में दर्द और पीठ में दर्द हो सकता है। इसलिए उनको

सही तरीके से बैठना भी सिखाएं। इसके अलावा उनकी कुर्सी आरामदायक हो और उनके पीठ को सपोर्ट करने वाली हो। स्डटी टेबल की उंचाई भी सही हो, उनको बहुत झुकने की जरूरत नही होनी चाहिए। कभी बेड पर या सोफे पर पढने की आदत न पड़ने दें, इससे उनको मांसपेशियों में खिचाव और थकान आ सकती है। अभिभावक शालिनी कहती हैं कि पढाई में व्यस्त होने के कारण कई बच्चे समय पर खाना नही खाते हैं साथ ही कुछ को खाना खाना ही पसंद नही होता है। ऐसे में कई बार पढाई के दौरान भी ये आदतें वो दोहराते हैं। जब बच्चों को भूख लगी होती है तो पढाई में मन नहीं लगता है।

अभिभावक अजय गिल भी इस बारे में कहते हैं कि इस बात का भी ध्यान रखें कि बच्चा समय पर खाना खा रहा है या नहीं। इस दौरान उनको सही मात्रा में पौष्टिक आहार मिलना चाहिए ताकि उनका दिमाग सही तरीके से काम करे।

इनसेट...

अच्छी नींद से दिमाग तेज होता है और ध्यान लगाने में मदद मिलती है। परीक्षा के दौरान देर रात तक जगना और पढना अच्छी आदत नही है। इस बात का ख्याल रखें कि बच्चा रोजाना सात से आठ घंटे की नींद जरूर ले रहा है। बच्चे के लिए अच्छी नींद उनको अनेक फायदा पहुंचा सकती है। अगर बच्चा पढने में मन लगा रहा है तो उसे कुछ काम में मदद करें जैसे उसका कमरा सही करना, कपड़े बदलने में मदद, सही जगह पर सामान रखना। इससे बच्चे को बाकी चीजों के लिए ¨चतित होने की जरूरत नही होगी। उनसे बात करना बहुत जरूरी है। समय निकालकर उनसे बात करें और उनको समझने की कोशिश करें। उनको ये भी समझाएं कि परीक्षा के दौरान घबराहट और व्याग्रता आम बात है। उनको बताएं कि हर कोई इस दौर से जाता है इसलिए खुद को तैयार रखना जरूरी है।

डीएन शर्मा, पूर्व प्राचार्य एमजीएम कालेज सम्भल

इनसेट.....

- परीक्षा के दौरान खेल पर पूरी पाबंदी नहीं लगनी चाहिए। कुछ शारीरिक गतिविधि करने दें।

- हमेशा सकारात्मक रहें और जब भी वो परीक्षा के लिए जाएं उनका आत्मविश्वास बढाने की कोशिश करें।

- बच्चे की क्षमता को जानें और सार्थक लक्ष्य निर्धारित करें।

- बच्चों की असफलता या एग्जाम में ़खराब नम्बर आने से निराश न हों और न ही अपनी उदासी व्यक्त करें। असफलता भी सीखने का एक हिस्सा है।

- परीक्षा के खत्म होने के बाद फिर से एक नई शुरुआत होती है।

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