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सम्भल : तीन दिन में डेढ़ करोड़ के फल कैसे खाएंगे बच्चे, मार्च महीने में इस बजट से स्कूली बच्चों को करना है फलों का वितरण, इस वित्तीय वर्ष में बचे हैं केवल तीन सोमवार

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सम्भल : तीन दिन में डेढ़ करोड़ के फल कैसे खाएंगे बच्चे, मार्च महीने में इस बजट से स्कूली बच्चों को करना है फलों का वितरण, इस वित्तीय वर्ष में बचे हैं केवल तीन सोमवार

🔵 स्कूली बच्चों को फल वितरण के लिए शासन द्वारा जारी किया गया है 1.53 करोड़ का बजट

🔴 मार्च महीने में इस बजट से स्कूली बच्चों को करना है फलों का वितरण, इस वित्तीय वर्ष में बचे हैं केवल तीन सोमवार

संभल हिन्दुस्तान संवाद : परिषदीय स्कूलों में बच्चों की सेहत संवारने के लिए फल वितरण के लिए शासन ने बजट जारी किया है। शासन द्वारा जारी किये गये बजट का शिक्षा विभाग ने अगर सही तरीके से प्रयोग किया तो सभी बच्चों की सेहत में सुधार होने के बाद भी धनराशि बच जाएगी। देखना यह है कि शासन द्वारा जारी किये गये बजट से कितने रुपये के फल खरीदकर शिक्षक बच्चों को खिलाएंगे। सरकार परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ सेहत संवारने का काम भी कर रही है। जिले में संचालित 1046 प्राथमिक व 476 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत लगभग दो लाख दस हजार बच्चों की सेहत दुरुस्त रखने के लिए शासन ने अभी वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए एक करोड़ 53 लाख 55 हजार रुपये का बजट जारी किया है। शासन द्वारा जारी किये गये इस बजट से मार्च महीने में चार दिन स्कूली बच्चों को फल खिलाए जाएंगे। शिक्षा विभाग के सामने फल वितरण को मिली इस धनराशि को पारदर्शी तरीके से खत्म करना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि इस वित्तीय वर्ष को खत्म होने में अब बीस दिन ही शेष बचे हुए हैं। इन बीस दिनों में तीन सोमवार पड़ेंगे बैसे अगर सभी बच्चों को प्रतिदिन फल दिये जाएंगे फिर भी धनराशि खत्म होना मुश्किल है। विभागीय नियामुनार परिषदीय स्कूलों में सोमवार के दिन बच्चों को फल बांटे जाते हैं। मार्च के पहले सोमवार को भी अधिकांश स्कूलों में नहीं बंटे थे फल: संभल। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को फल वितरण के लिए अगस्त 2017 से शासन से बजट नहीं मिला है। बजट के अभाव में अधिकांश स्कूलों में फल वितरण की योजना पर ब्रेक लगा हुआ था। 13 जनवरी के अंक में हिन्दुस्तान ने फल वितरण योजना पर लग गया सरकार का ग्रहण, परेशानी शीर्षक से खबर भी प्रकाशित की थी। फल वितरण की योजना पर ब्रेक लगा होने के कारण अधिकांश स्कूलों के शिक्षकों को बजट आने की जानकारी नहीं थी।

शासन से 1.53 करोड़ रुपये का बजट फल वितरण के लिए प्राप्त हुआ है। इससे पहले अगस्त महीने में बजट मिला था। कुछ विद्यालयों में बजट नहीं होने से फल वितरण पर ब्रेक लग गया था लेकिन अब बजट मिलने से सभी बच्चों को फल वितरण का कार्य कराया जाएगा। शेष धनराशि अगले वित्तीय वर्ष में स्थानांतरित कर दी जाएगी। दीनदयाल शर्मा, डीसी एमडीएम संभल।

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