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सहारनपुर : मानदेय प्रवक्ताओं का मांगा डाटा, होंगे नियमित, शासन की पहल पर कार्रवाई, उच्च शिक्षा अधिकारी से मांगा डाटा

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सहारनपुर : मानदेय प्रवक्ताओं का मांगा डाटा, होंगे नियमित, शासन की पहल पर कार्रवाई, उच्च शिक्षा अधिकारी से मांगा डाटा

जागरण संवाददाता, सहारनपुर : प्रदेश शासन डिग्री कालेजों में कार्यरत मानदेय प्रवक्ताओं को जल्द ही बड़ी सौगात देने जा रहा है। 15 वर्षों से कालेजों में पढ़ा रहे ये प्रवक्ता काफी समय से नियमित होने की आस संजो रहे थे। मामले में शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से कार्यरत प्रवक्ताओं का डाटा मांगा है। नियमितिकरण की प्रक्रिया से प्रदेश भर के 600 से अधिक प्रवक्ता लाभान्वित होंगे।1अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों में वर्ष-2002 से मानदेय पर प्रवक्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ हुई थी। वर्ष 2006 तक चली प्रक्रिया में प्रदेश के कालेजों में इन प्रवक्ताओं की संख्या 700 को पार कर गई। प्रवक्ताओं की नियुक्ति के बाद से कई कालेज अल्पसंख्यक कालेजों की श्रेणी में शामिल हो गए। शिक्षक संघ सहित विभिन्न मंचों से इन प्रवक्ताओं ने समय-समय पर शासन पर उन्हें नियमित करने का दबाव बनाया लेकिन सफलता नही मिल सकी। 28 मार्च को प्रदेश शासन द्वारा मानदेय प्रवक्ताओं के बारे में शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा इलाहाबाद से डाटा मांगा है।1सभी मंडल मुख्यालयों पर कार्यरत क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षा निदेशक ने प्रवक्ताओं के बारे में आवश्यक जानकारी मांगी है इसमें कालेजों में वर्षवार नियुक्त किए गए शिक्षकों की सूची के साथ ही ऐसे कितने शिक्षक है जिनका आमेलन अर्थात नियमित हो चुके है और कितने अभी बाकी है। कितने शिक्षकों का आमेलन किया जाना है, जो यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता पूरी करते हों। सूत्रों के मुताबिक सहारनपुर और मेरठ मंडल के 50 कालेजों में करीब 85 मानदेय प्रवक्ता शिक्षण कार्य कर रहे है। कई कालेज गत 15 वर्षों के दौरान अलसंख्यक श्रेणी में शामिल हुए है। 1डाटा मांगे जाने के ताजा हालात से इन कालेजों में कार्यरत प्रवक्ता आशंकित है कि उन्हें आमेलन का लाभ नही मिल सकेगा।जागरण संवाददाता, सहारनपुर : प्रदेश शासन डिग्री कालेजों में कार्यरत मानदेय प्रवक्ताओं को जल्द ही बड़ी सौगात देने जा रहा है। 15 वर्षों से कालेजों में पढ़ा रहे ये प्रवक्ता काफी समय से नियमित होने की आस संजो रहे थे। मामले में शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारियों से कार्यरत प्रवक्ताओं का डाटा मांगा है। नियमितिकरण की प्रक्रिया से प्रदेश भर के 600 से अधिक प्रवक्ता लाभान्वित होंगे।1अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों में वर्ष-2002 से मानदेय पर प्रवक्ताओं की नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ हुई थी। वर्ष 2006 तक चली प्रक्रिया में प्रदेश के कालेजों में इन प्रवक्ताओं की संख्या 700 को पार कर गई। प्रवक्ताओं की नियुक्ति के बाद से कई कालेज अल्पसंख्यक कालेजों की श्रेणी में शामिल हो गए। शिक्षक संघ सहित विभिन्न मंचों से इन प्रवक्ताओं ने समय-समय पर शासन पर उन्हें नियमित करने का दबाव बनाया लेकिन सफलता नही मिल सकी। 28 मार्च को प्रदेश शासन द्वारा मानदेय प्रवक्ताओं के बारे में शिक्षा निदेशक उच्च शिक्षा इलाहाबाद से डाटा मांगा है।1सभी मंडल मुख्यालयों पर कार्यरत क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षा निदेशक ने प्रवक्ताओं के बारे में आवश्यक जानकारी मांगी है इसमें कालेजों में वर्षवार नियुक्त किए गए शिक्षकों की सूची के साथ ही ऐसे कितने शिक्षक है जिनका आमेलन अर्थात नियमित हो चुके है और कितने अभी बाकी है। कितने शिक्षकों का आमेलन किया जाना है, जो यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता पूरी करते हों। सूत्रों के मुताबिक सहारनपुर और मेरठ मंडल के 50 कालेजों में करीब 85 मानदेय प्रवक्ता शिक्षण कार्य कर रहे है। कई कालेज गत 15 वर्षों के दौरान अलसंख्यक श्रेणी में शामिल हुए है। 1डाटा मांगे जाने के ताजा हालात से इन कालेजों में कार्यरत प्रवक्ता आशंकित है कि उन्हें आमेलन का लाभ नही मिल सकेगा

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