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औरैया : परिषदीय स्कूलों में खत्म होगा संबद्धीकरण का खेल

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औरैया : परिषदीय स्कूलों में खत्म होगा संबद्धीकरण का खेल

जागरण संवाददाता, औरैया : अटैचमेंट के नाम पर मौज कर रहे शिक्षकों को अब अपने मूल स्कूलों में लौटना होगा। क्योंकि परिषदीय स्कूलों में संबद्धीकरण की व्यवस्था को बेसिक शिक्षा परिषद ने समाप्त किया है। संबद्धीकरण वाले स्कूलों व शिक्षकों की सूची बीएसए से तलब की है। शिक्षा निदेशक से मिले पत्र के बाद बेसिक के शिक्षकों में खलबली है। 1जुलाई 2017 में सहायक अध्यापकों से मूल पद पर शिक्षामित्रों के बाद जनपद में कुछ स्कूल शिक्षक न होने से बंद हो गए थे। इन्हें चलाए जाने के लिए संबंधित ब्लाक या तहसील से सहायक शिक्षकों को इंचार्ज शिक्षक का चार्ज दिया गया। शिक्षामित्र के साथ मिलकर स्कूल संचालित किए गए। नजदीक के कुछ स्कूल के बच्चों को पड़ोस के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया। शिक्षक और बच्चों को इधर से उधर करने में वर्ष 2017-18 का एक तिमाही सत्र बीत गया। अधूरे पाठ्यक्रम से ही वार्षिक परीक्षा भी निपटा दी गई। शिक्षण कार्यों को प्रभावित होता देख बेसिक शिक्षा निदेशक ने परिषदीय स्कूलों में संबंद्धीकरण को खत्म करने का निर्णय लिया है। 1जनपद में ऐसे विद्यालयों की संख्या प्रत्येक ब्लाक में छह से सात बताई गई। संबद्धीकरण में शिक्षकों को एक ब्लाक से दूसरे ब्लाक या फिर ब्लाक में एक स्कूल से दूसरे स्कूल में भेजा जाता रहा। शिक्षकों को अब उनके मूल स्कूलों में वापस करने का आदेश हुआ है। समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को बीएसए ने निर्देशित करते हुए इसकी सूची मांगी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद यादव ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में संबद्धीकरण की व्यवस्था को खत्म किया गया है। इसके लिए शिक्षा निदेशक के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारियों से दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।जागरण संवाददाता, औरैया : अटैचमेंट के नाम पर मौज कर रहे शिक्षकों को अब अपने मूल स्कूलों में लौटना होगा। क्योंकि परिषदीय स्कूलों में संबद्धीकरण की व्यवस्था को बेसिक शिक्षा परिषद ने समाप्त किया है। संबद्धीकरण वाले स्कूलों व शिक्षकों की सूची बीएसए से तलब की है। शिक्षा निदेशक से मिले पत्र के बाद बेसिक के शिक्षकों में खलबली है। 1जुलाई 2017 में सहायक अध्यापकों से मूल पद पर शिक्षामित्रों के बाद जनपद में कुछ स्कूल शिक्षक न होने से बंद हो गए थे। इन्हें चलाए जाने के लिए संबंधित ब्लाक या तहसील से सहायक शिक्षकों को इंचार्ज शिक्षक का चार्ज दिया गया। शिक्षामित्र के साथ मिलकर स्कूल संचालित किए गए। नजदीक के कुछ स्कूल के बच्चों को पड़ोस के प्राथमिक स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया। शिक्षक और बच्चों को इधर से उधर करने में वर्ष 2017-18 का एक तिमाही सत्र बीत गया। अधूरे पाठ्यक्रम से ही वार्षिक परीक्षा भी निपटा दी गई। शिक्षण कार्यों को प्रभावित होता देख बेसिक शिक्षा निदेशक ने परिषदीय स्कूलों में संबंद्धीकरण को खत्म करने का निर्णय लिया है। 1जनपद में ऐसे विद्यालयों की संख्या प्रत्येक ब्लाक में छह से सात बताई गई। संबद्धीकरण में शिक्षकों को एक ब्लाक से दूसरे ब्लाक या फिर ब्लाक में एक स्कूल से दूसरे स्कूल में भेजा जाता रहा। शिक्षकों को अब उनके मूल स्कूलों में वापस करने का आदेश हुआ है। समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को बीएसए ने निर्देशित करते हुए इसकी सूची मांगी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद यादव ने बताया कि परिषदीय स्कूलों में संबद्धीकरण की व्यवस्था को खत्म किया गया है। इसके लिए शिक्षा निदेशक के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारियों से दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।

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