एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

Search Your City

शामली : एक शिक्षक के सहारे सौ से ज्यादा बच्चों का भविष्य

0 comments

एक शिक्षक के सहारे सौ से ज्यादा बच्चों का भविष्य


कैराना: शिक्षा विभाग की लीला ही निराली है। हाईवे किनारे स्थित विद्यालयों में जह...

संवाद सूत्र, कैराना: शिक्षा विभाग की लीला ही निराली है। हाईवे किनारे स्थित विद्यालयों में जहां स्टाफ बड़ी संख्या में है तो वहीं गांवों के भीतर के स्कूलों में स्टाफ का टोटा है। गांव दभेड़ी खुर्द प्राथमिक विद्यालय में कोई शिक्षक जाने को तैयार नहीं है। यहीं वजह है कि यहां केवल एक शिक्षक के भरोसे 100 से अधिक छात्र-छात्राएं है। विद्यालय स्कूल चलो अभियान को आइना दिखाने के लिए यह स्कूल काफी है। शिक्षक दिव्यांग है, जैसे-तैसे करके बच्चों की मदद से पढ़ा रहा है। ग्रामीण व प्रधान यहां स्टाफ की मांग करते थक चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

कैराना ब्लॉक के गांव दभेड़ी खुर्द का प्राथमिक विद्यालय विभागीय हुक्मरानों की उपेक्षा व उदासीनता का शिकार बना हुआ है। यहां कक्षा एक से पांच तक पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 102 है और तैनाती सिर्फ एक शिक्षक (सहायक अध्यापक) हिशाम की है।

शिक्षक दिव्यांग है और विद्यालय में उर्दू अध्यापक के तौर पर नियुक्त हैं। लेकिन, वह अपने एक हाथ से बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक शिक्षक कैसे सभी और अलग-अलग कक्षा के बच्चों को पढ़ा सकता है। ग्राम प्रधान मुन्शाद अली चौहान कई बार विभागीय अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं कि बच्चों की संख्या के सापेक्ष विद्यालय में शिक्षकों की तैनाती की जाए। लेकिन, स्थिति जस की तस है। जबकि, ग्राम पंचायत के मजरे बस्ती बंजारन के प्राथमिक विद्यालय में 20 बच्चे हैं और चार शिक्षकों की तैनाती है।

ग्राम प्रधान ने बताया कि अब जन सुनवाई पोर्टल पर मुख्यमंत्री से शिकायत की है। अगर यहीं स्थिति रही तो कभी सरकारी शिक्षा की हालत सुधरने वाली नहीं है। शिक्षा विभाग के अधिकारी सब कुछ जानकर भी उदासीन बने रहते हैं। बेसिक शिक्षाधिकारी गीता वर्मा का कहना है कि इस प्राथमिक विद्यालय के संबंध में जानकारी ली जाएगी। पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था करने का प्रयास भी किया जाएगा।

तैनाती को लगवाते हैं सिफारिश

जिले में हाल ये है कि शिक्षक हाईवे और मुख्य मार्गो के विद्यालयों में ही तैनात रहना चाहते हैं। इसके लिए सिफारिश लगवाई जाती है। जिले में ऐसे तमाम विद्यालय हैं, जहां बच्चों की संख्या के हिसाब से काफी अधिक शिक्षकों की तैनाती है। लेकिन, शिक्षाधिकारी भी दबाव के चलते ऐसा कदम नहीं उठा पा रहे, जिससे अधिक छात्रों की संख्या वाले स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था हो सके।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।