2006 में हुई नियुक्तियां भी जांच के दायरे में
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बेसिक शिक्षा विभाग में 2010 एवं उसके बाद हुई भर्तियों की जांच शासन के निर्देश पर एसटीएफ कर रही है। जांच शुरू होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दूरभाष पर कई शिकायतें मिलीं, जिनमें शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की बात कही गई है। इन शिकायतों के आधार पर संबंधित शिक्षकों को नोटिस जारी की गई है। इनमें से अधिकतर शिक्षकों की नियुक्ति 2006 के आसपास की है। विभाग अब इस साल हुई भर्तियों की जांच की तैयारी में है। जिले में वर्ष 2006 में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने ज्वाइन किया है। इनमें से कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका है। एसटीएफ की जांच के जोर पकड़ते ही बेसिक शिक्षा विभाग को विभिन्न माध्यमों से शिकायतें मिलने लगीं। किसी ने लिखित शिकायत की तो किसी ने बीएसए को फोन कर शिक्षक के बारे में जानकारी दी। शिकायत के आधार पर शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगते हुए उनके प्रमाण पत्रों की जांच की तैयारी है। विभाग अब तक करीब 50 शिक्षकों को नोटिस जारी कर चुका है।
डुप्लीकेट मिले अधिकतर प्रमाण पत्र: शिकायत के बाद विभाग के नोटिस के जवाब में अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र देने वाले कुछ शिक्षकों के प्रमाण पत्र प्रथम दृष्टया संदेह उत्पन्न कर रहे हैं। उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में से अधिकतर द्वितीय प्रति में हैं। यानी उनके मूल प्रमाण पत्र गायब हैं। एसटीएफ ने ऐसे शिक्षकों की सूची भी तलब की थी।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर कई शिकायतें आई हैं। उनसे स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है। 2006 में हुई भर्ती हुए कई शिक्षक संदेह के घेरे में है। सभी की जांच कराई जाएगी।