गोण्डा : अशिक्षा का मर्ज दूर करने को शिक्षा की निश्शुल्क डोज
उप्र के गोंडा जिले का यह इंटर कॉलेज बेहद खास है। यहां स्वस्थ समाज गढ़ने के लिए स्थानीय डॉक्टरों की टीम का संयुक्त ऑपरेशन चल रहा है। हर सामाजिक मर्ज के खिलाफ सुशिक्षित समाज को कारगर नुस्खा मानने वाले ये चिकित्सक यहां नई पीढ़ी को निश्शुल्क शिक्षा की डोज दे रहे हैं।
छह साल पहले ये सिलसिला तब शुरू हुआ जब प्रैक्टिस के दौरान डॉ. मृणाल पांडेय ने अनपढ़ मरीजों को होने वाली परेशानी देखी। दिल ने उनके लिए कुछ करने को कहा तो डॉ. मृणाल ने दोस्तों के आगे बात रखी। डॉ. केके मिश्र और डॉ. चंद्रकेश उनके साथ खड़े हुए और भिखनापुर में जेपी विद्यामंदिर इंटर कॉलेज स्थापित हो गया। बाद में डॉ. अनीता और लायंस क्लब से भी इस पुनीत अभियान में सहयोग मिलने लगा। प्रबंधन छात्रओं को निश्शुल्क ड्रेस और सभी विद्यार्थियों को समय-समय पर शिक्षण सामग्री देता है।
कोई नहीं पढ़ता ट्यूशन: शहर से 13 किलोमीटर दूर स्थित इस कॉलेज में बच्चे संस्कार सीख रहे हैं। यहां बच्चों को महापुरुषों के व्यक्तित्व के बारे में बताने के साथ प्रार्थना के दौरान उस दिन का इतिहास बताया जाता है। यहां अभिभावकों से संवाद कार्यक्रम में उन्हें बच्चों की शैक्षिक गतिविधियों के बारे में बताया जाता है। यहां का कोई भी विद्यार्थी ट्यूशन नहीं जाता। पढ़ाई का स्तर ऐसा है कि हर विद्यार्थी बोर्ड परीक्षाओं में 80 फीसद से अधिक अंक पाता है।
जेपी बाल विद्या मंदिर में पढ़ाई करते छात्र ’ जागरण
ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीज अनपढ़ होने के चलते भटकते थे। इनकी पीड़ा देख कुछ करने की इच्छा हुई तो ग्रामीण परिवेश में स्कूल की स्थापना करना सबसे उचित लगा।
डॉ. मृणाल पांडेय।
अभी तक जो लोग अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से कतराते थे, अब वह आगे आ रहे हैं। काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। अब लोग बेटे ही नहीं बेटियों की शिक्षा के प्रति जागरूक हुए हैं।
सुमन पांडेय, प्रधानाचार्य।
साक्षरता के आंकड़ों में गोंडा
वर्ष 1981>>16.36 फीसद
वर्ष 1991>>29.56 फीसद
वर्ष 2001>>42.56 फीसद
वर्ष 2011>>61.02 फीसद