आजमगढ़। मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने बताया कि बताया कि जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि डायट प्राचार्य द्वारा बैच 2016, 2017 एवं 2018 के प्रशिक्षुओं के अंकपत्रों का भी सत्यापन नहीं कराया गया है। वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2018 तक के अभ्यर्थियों द्वारा भी कूटरचित अंकपत्र के आधार पर मेरिट बढ़ाकर प्रवेश लिए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में मंडल के तीनों जिलों में इन वर्षों में बीटीसी में प्रवेश लेने वाले सभी प्रशिक्षुओं के अंकपत्रों का सत्यापन भी कराये जाने की संस्तुति की गई है।
गोरखपुर : श्री दीप साहित्यिक सेवा संस्थान के तत्वावधान में आज कर्मफल
भावार्थ पुस्तक का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम का भव्य आयोजन विद्वत
मनीषियों एवं अतिथियों की उपस्थिति में प्रेस क्लब में हुआ सम्पन्न
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