विधि संवाददाता,प्रयागराज | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती में अनसूचित जनजाति कोटे की रिक्त रह गई सीटें को अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों से भरने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने ओमपाल सिंह व 155 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता सीमांत सिंह को सुनकर दिया है। याचिका में अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों ने नियमों का हवाला देकर अनुसूचित जनजाति कोटे की रिक्त सीटों पर नियुक्ति किए जाने मांग की है। एडवोकेट सीमांत सिंह के अनुसार 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों के लिए 14490 और अनुसूचित जनजाति के लिए 1380 पद आरक्षित थे। सहायक अध्यापक लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट बनने पर अनुसूचित जनजाति के कुल 270 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए। सभी को नियुक्ति मिल गई और इस कोटे की 1110 सीटें रिक्त रह गईं।अधिवक्ता सीमांत सिंह का कहना था कि वर्ष 1994 की आरक्षण नियमावली के अनुसार यदि अनुसूचित जनजाति की सीटें अभ्यर्थी न मिलने के कारण रिक्त रह जाती हैं तो उन्हें अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों से भरा जाए। याची सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल हुए थे लेकिन मेरिट में न आ पाने के कारण उनका चयन नहीं हो सका। यदि अनुसूचित जनजाति के रिक्त पदों को अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों से भरा जाता है तो याची चयनित हो सकते हैं।
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