हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज |यूजीसी की ओर से परीक्षा कराने का फरमान जारी होने के बाद से इविवि के छात्रों ने विरोध तेज कर दिया है। बुधवार को छात्रों ने बुद्धि-शुद्धि यज्ञ करके विरोध दर्ज किया। वहीं, यूजीसी की गाइडलाइन के विरोध में छात्रों ने राष्ट्रपति को रक्त पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया। इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी को फैक्स भेज कर परीक्षा न कराए जाने की मांग की है।एनएसएयूआई के अविनाश यादव ने कहा कि राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र की सरकार हमारी मांगें भी मान ली हैं।लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा कराना दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अभी हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, यदि हमारी मांगें नहीं मानी गई तो हमलोग सड़क पर उतर कर इस महामारी में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।समाजवादी छात्र सभा ने राष्ट्रपति को रक्त पत्र भेज कर यूजीसी के फरमान का विरोध दर्ज कराया है। छात्र नेता अजय सम्राट ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि जान है तो जहान है ऐसे में कोरोना काल में परीक्षा कराना छात्र-छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ होगा। अखिलेश गुप्ता गुड्डू व पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष अदील हमजा साहिल ने समस्त परीक्षाएं स्थगित किए जाने की मांग उठाई है।
MAN KI BAAT : भारत के समेकित और समग्र विकास का रास्ता गांवों के सरकारी स्कूलों के दरवाजे से ही निकलेगा...लिहाजा इन स्कूलों की साख और स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने होंगे। शिक्षा की नीति को शिक्षकों को समाज के सर्वाधिक सम्माननीय और अनिवार्य सदस्य के रूप में पुन: स्थान देने में.....
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*MAN KI BAAT : भारत के समेकित और समग्र विकास का रास्ता गांवों के सरकारी
स्कूलों के दरवाजे से ही निकलेगा...लिहाजा इन स्कूलों की साख और स्वीकार्यता
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