हिन्दुस्तान टीम,प्रयागराज | परिषदीय स्कूलों में नि:शुल्क बंटने आई जिन किताबों की छपाई खराब है वे बदली जाएंगी। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने गुरुवार के अंक में यह मसला उठाया था। इसके बाद बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने खंड शिक्षाधिकारी मुख्यालय अर्जुन सिंह को नगर शिक्षाधिकारी कार्यालय भेजकर किताबों की जांच कराई। इस दौरान कुछ अन्य किताबों में भी खराब छपाई सामने आई।शाम को सबसे बड़े सप्लायर राजीव प्रकाशन के प्रोडक्शन हेड पीयूष रंजन अग्रवाल ने हिन्दुस्तान से फोन पर बात की और कहा कि बड़े पैमाने पर छपाई के कारण कुछ किताबों में गड़बड़ी से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वह अपने प्रोडक्शन मैनेजर को संबंधित स्कूल में भेजकर किताबें दिखवाएंगे और जिन किताबों में छपाई खराब है उन्हें बदला जाएगा।बच्चों को शर्तों के अनुरूप किताबें उपलब्ध कराना उनका उद्देश्य है। कक्षा 6 की विज्ञान, 7वीं की गणित, कलरव की कई किताबों की छपाई में खराबी और ओवरलैपिंग की समस्या है। इस बार कक्षा 1 से 8 तक की हिन्दी, अंग्रेजी व उर्दू माध्यम की कुल 2558715 किताबें और 1 से 5 तक की 619377 वर्कबुक नि:शुल्क बांटी जानी हैं।
MAN KI BAAT : भारत के समेकित और समग्र विकास का रास्ता गांवों के सरकारी स्कूलों के दरवाजे से ही निकलेगा...लिहाजा इन स्कूलों की साख और स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने होंगे। शिक्षा की नीति को शिक्षकों को समाज के सर्वाधिक सम्माननीय और अनिवार्य सदस्य के रूप में पुन: स्थान देने में.....
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*MAN KI BAAT : भारत के समेकित और समग्र विकास का रास्ता गांवों के सरकारी
स्कूलों के दरवाजे से ही निकलेगा...लिहाजा इन स्कूलों की साख और स्वीकार्यता
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