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प्रयागराज : यूपीपीसीएस-2018 अभ्यर्थियों ने स्केलिंग को बनाया मुद्दा, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

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प्रयागराज : यूपीपीसीएस-2018 अभ्यर्थियों ने स्केलिंग को बनाया मुद्दा, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज यूपीपीसीएस-2018 के परिणामों से परेशान अभ्यर्थियों ने स्केलिंग को भी मुद्दा बनाया है। उनका दावा है कि पीसीएस-2018 में स्केलिंग लागू नहीं की गई। इससे विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों को फायदा मिला और मानविकी विषय लेकर यूपीपीसीएस में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।गणित और विज्ञान के अन्य विषयों को के अभ्यर्थी तो  पूरे अंक पा जाते हैं, लेकिन मानविकी विषय के अभ्यर्थियों को पूरे अंक नहीं मिल पाते हैं। इसी संतुलन के लिए स्केलिंग की व्यवस्था लागू की गई थी, लेकिन स्केलिंग न होने से परिणाम बदल गया।  
प्रतियोगी छात्र संगर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को अन्य राज्यों के लोक सेवा आयोग से सीखने की जरूरत है।
-मध्यप्रदेश सरकार विधेयक लेकर आई है कि वहां के लोक सेवा आयोग की परीक्षा में दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों को शामिल नहीं किया जाएगा।
-छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने अपने राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयुसीमा 35 वर्ष और अन्य राज्यों के लिए आयु सीमा 30 वर्ष निर्धारित की है।
-बिहार में लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में से 10 प्रतिशत को क्वालिफाई कराया जाता है। बिहार के संदर्भ में ज्यादातर सवाल पूछे जाते हैं।
-हरियाणा लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा केवल अंग्रेजी माध्यम में होती है। अन्य राज्यों ने भी अपने यहां के अभ्यर्थियों के लिए कोई न कोई व्यवस्था कर रखी है, लेकिन यूपी में ऐसा नहीं है।

*अभ्यर्थियों ने सीएम को लिखी चिट्ठी*

पीसीएस-2018 का अप्रत्याशित परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्र लिखकर कुछ बदलावों की मांग की है।
-पीसीएस परीक्षा केवल हिंदी माध्यम से हो।
-पीसीएस-2018 की कॉपियों का विज्ञापन के अनुरूप पुनर्मूल्यांकन हो। साथ ही हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम की कॉपियों का मूल्यांकन अलग-अलग विशेषज्ञों से कराया जाए और संशोधित परिणाम जारी किए जाएं।
-प्रारंभिक परीक्षा को मात्र छंटनी परीक्षा मानकर पद के सापेक्ष 20 गुना या आवेदित अभ्यर्थियों के 20 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया जाए। 
-सभी विषय मुख्य परीक्षा में शामिल हों।
-मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के सभी पेपर में उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में ही विषयगत प्रश्न पूछे जाएं।
-इंटरव्यू के दौरान प्रत्येक प्रतिभागी की वीडियोग्राफी की जाए।

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