एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

Search Your City

फतेहपुर : अब एंड्राएड फोन चलाना सीख रहे मास्साब, शिक्षकों के गले की फांस बना ऑनलाइन प्रशिक्षण।

0 comments
फतेहपुर : अब एंड्राएड फोन चलाना सीख रहे मास्साब, शिक्षकों के गले की फांस बना ऑनलाइन प्रशिक्षण।

फतेहपुर : कोरोना संक्रमण काल में भले ही बच्चों के लिए विद्यालय बंद चल रहे हों लेकिन शिक्षकों के लिए काम बढ़ता ही जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों में इनदिनों सबकुछ आनलाइन कार्य सम्पादित करने में जोर दिया जा रहा है। जिससे खासकर बुजुर्ग शिक्षकों की परेशानी बढ़ रही है। इस उम्र में शिक्षक स्मार्ट एंड्रायड मोबाइल फोन चलाना सीखरहे हैं।

परिषदीय स्कूलों में ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए दीक्षा एप और मानव सम्पदा पोर्टल को लिंक करने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ शिक्षक शिक्षकों ऐसे हैं जो एंड्रायड मोबाइल चलाने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें प्रशिक्षण लेने में दिक्कत आ रही है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को आनलाइन प्रशिक्षित करने का शासन का फरमान उनके गले की फांस बन गया है। पहले तो चुनिंदा शिक्षकों को शासन के बताए ऐप डाउनलोड कराने के निर्देश थे। जैसे तैसे उनको डाउनलोड कर ही पाए थे कि शासन ने दीक्षा ऐप और मानव सम्पदा को लिंक करने के निर्देश जारी हो गए। लिंक करने के आदेश आते ही मोबाइल चलाने में अक्षम शिक्षक शिक्षकों का सिर दर्द बढ़ गया है।

कोरोना के चलते एक जगह पर भीड़ इकट्ठा करने पर मनाही है। इसके चलते आनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जनपद में लगभग 25 से 30 फीसद शिक्षकों की उम्र पचास से पचपन वर्ष के आसपास है। यह शिक्षक न तो तकनीकी रूप से दक्ष हैं और न ही मोबाइल पर प्रशिक्षण में सक्षम हैं। खासकर अधिकतर महिला शिक्षक ऐसी हैं जिनके लिए प्रशिक्षण में शामिल होना चुनौती है। कुछ दिनों पहले ही शासन ने शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षित करने के लिए दीक्षा ऐप को मानव संपदा पोर्टल से लिंक का आदेश जारी कर दिया है। शिक्षकों को अब प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।

मोबाइल खरीदना आसान चलाना मुश्किल : बुजुर्ग शिक्षक

स्मार्ट फोन खरीदने में तो सक्षम हैं लेकिन उसे चलाने में उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 50 से 55 वर्ष पेन कागज के तहत काम निपटाने वाले बुजुर्ग शिक्षकों के लिए ऑनलाइन व्यवस्थाएं सिर दर्द बन रही हैं। ऐसे में ये मास्साब घर के बच्चों या फिर विद्यालय के युवा शिक्षकों से मदद ले रहे हैं।



शिक्षक संकुलों का गठन : न्याय पंचायत स्तर पर शिक्षक संकुलों का गठन किया गया है। ऑनलाइन प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों को दीक्षा ऐप से मानव संपदा से लिंक करने समेत मोबाइल चलाने में आ रही दिक्कतों का निदान कर रहे हैं।विद्यालयों में जाकर शिक्षकों को बता रहे है।-राकेश सचान, बीईओ मुख्यालय

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।