गोरखपुर । बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में तैनात अनुदेशकों के बच्चों ने पोस्ट कार्ड पर मुख्य न्यायाधी इलाहाबद को पत्र लिखा है । इसमें उन्होंने कहा है कि हम उत्तर प्रदेश में अनुदेशक पद पर काम कर रहे शिक्षको के बच्चे हैं । हमारे पिता सुबह जाकर रात को घर लौटते हैं । एक आम टीचर की तरह काम करते हैं । उनकों 7000 रुपए मोह का मानदेय मिलता है । इससे हमारी पढ़ाई लिखाई भी नहीं हो पारही है । हमलोगों को दूध भी नहीं मिल पा रहा है । अंकल हमारे पापा की सैलरी आम आदमियों जैसी करा दीजिए । आपके ऊपर हमे विश्ववास है । यह पत्र अनुदेश विक्रम सिंह की बच्ची अनन्या सिंह और आदिति सिंह ने लिखा है । करीब 500 अनुदेशकों के बच्चे पत्र लिखकर भेज रहे हैं ।
MAN KI BAAT : भारत के समेकित और समग्र विकास का रास्ता गांवों के सरकारी स्कूलों के दरवाजे से ही निकलेगा...लिहाजा इन स्कूलों की साख और स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करने होंगे। शिक्षा की नीति को शिक्षकों को समाज के सर्वाधिक सम्माननीय और अनिवार्य सदस्य के रूप में पुन: स्थान देने में.....
-
*MAN KI BAAT : भारत के समेकित और समग्र विकास का रास्ता गांवों के सरकारी
स्कूलों के दरवाजे से ही निकलेगा...लिहाजा इन स्कूलों की साख और स्वीकार्यता
बढ़ाने के...