महराजगंज : नाव से स्कूल का सफर तय करते हैं विद्यार्थी, रोहिन और बघेला नदी के बीच में बसा है सेमरहवा गांव, तीन तरफ से नदी एवं एक तरफ जंगल से है घिरा
महराजगंज। नौतनवां तहसील क्षेत्र का सेमरहवां गांव आजादी से अब तक आवागमन सुगम होने की राह देख रहा है। यहां गांव में जाने के लिए इस समय नाव ही एकमात्र सहारा है। विद्यार्थियों को जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार कर विद्यालय जाना पड़ता है।
सेमरहवा गांव रोहिन और बघेला नदी के बीच में बसा हुआ है। यह गांव तीन तरफ से नदी और एक तरफ से जंगल से घिरा है। गांव की आबादी करीब पांच हजार है। यहां 1867 मतदाता हैं। सेमरहवा खास, बरतानी, चराई और भठवा चार टोले हैं। यहां एक प्राथमिक तथा एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। बरसात में गांव में जाने के लिए एकमात्र सहारा नाव है। लोगों को गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर पैदल चलकर कुंअहवा घाट आना पड़ता है। वहां से नाव से नदी पार कर धोतिअहवा गांव के चखनी चौराहे पर आना पड़ता है, तब जाकर पिच मार्ग मिलता है।
ग्राम प्रधान उपेंद्र यादव ने बताया कि जब नदी में पानी ज्यादा हो जाता है तो गांव में जाने के लिए नाव ही एक सहारा होता है। गांव के बच्चे हाईस्कूल, इंटर व उच्च शिक्षा के लिए अड्डा बाजार, नौतनवां व अन्य कस्बों, नगरों में जाते हैं। नाव से नदी पार करते समय हमेशा भय बना रहता है। उच्च अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों से समस्या के बारे में बताया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
नाव से नदी पार कर अड्डा बाजार इंटर कॉलेज में पढ़ाई करने के लिए जाने वाले छात्र वीरेंद्र यादव, सुजीत, मोनू, हीना, सीमा, अंकिता, खुशबू, सरिता, सूरज, दीनदयाल आदि ने बताया कि नाव से नदी पार करने में डर लगता है। नाविक धर्मराज ने बताया कि नदी में पानी ज्यादा होने के कारण गांव के लोग बाइक नदी पार कुंअहवा घाट पर ही छोड़ देते हैं। गांव के महेंद्र यादव, राम विशुन, तीरथ, उषा, चंद्रावती, गीता, विमलावती, शीला, कोइली, इलायची आदि ने नदी पर पुल बनवाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। एसडीएम राम सजीवन मौर्य ने बताया कि समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।