इलाहाबाद : आयकर विभाग टैक्स चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने जा रहा, रिटर्न में अनिवार्य होगा सभी खातों का ब्योरा
जासं, इलाहाबाद : आयकर विभाग टैक्स चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने जा रहा है। नए वित्तीय वर्ष में रिटर्न फाइल करने वाले करदाताओं को अपने सभी खातों का ब्योरा देना अनिवार्य होगा। इसके लिए रिटर्न फार्म में बदलाव हो गया है। नोटबंदी के दौरान लाखों रुपये बैंक खातों में जमा करने वालों को भी नोटों की पूरी जानकारी देनी होगी। सेकेंडरी 1अभी तक आयकर रिटर्न भरने वाले करदाता अपने एक बैंक खाते का डिटेल देकर भी रिटर्न फाइल कर देते थे। सभी बैंक खातों का ब्योरा देना अनिवार्य नहीं था। अब नए वित्तीय वर्ष में रिटर्न फाइल करने पर करदाता को अपने सभी बैंक खातों का डिटेल देना अनिवार्य होगा। चाहे वह बचत खाता हो या चालू खाता। महज इतना ही नहीं अगर उन्होंने कोई खाता बंद कर दिया है तो उसकी भी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा आपके कितने संयुक्त खाते हैं इसका भी डिटेल देना होगा। अगर करदाता अपनी आय के संबंध में जानकारी छिपाने की कोशिश करेगा और आयकर विभाग की जांच में वह निकल आएगी तो खाते में जो राशि जमा होगी विभाग उसे करदाता की शुद्ध आय मानकर उस पर कर निर्धारण कर देगा।
अब सभी बैंक खातों में पैन कार्ड अनिवार्य हो गया है। इसलिए अगर कोई करदाता अपने बैंक खातों के बारे में जानकारी छिपाना चाहेगा तो वह ऐसा नहीं कर पाएगा। आयकर विभाग सभी खातों के बारे में जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेगा। नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में लाखों रुपये जमा करने वाले करदाताओं को रिटर्न फाइल करते समय इसकी जानकारी देनी होगी कि उन्होंने कितने 500 और एक हजार रुपये के नोट बैंक में जमा किए थे। उनकी आय का जरिया क्या था। कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल बताते हैं कि नए वित्तीय वर्ष में रिटर्न फाइल करने वाले करदाताओं को नए फार्म के आधार पर रिटर्न फाइल करना होगा। जिसमें सभी बैंक खातों का ब्योरा देना अनिवार्य होगा। फार्म में कई और बदलाव किए गए हैं।
जासं, इलाहाबाद : आयकर विभाग टैक्स चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने जा रहा है। नए वित्तीय वर्ष में रिटर्न फाइल करने वाले करदाताओं को अपने सभी खातों का ब्योरा देना अनिवार्य होगा। इसके लिए रिटर्न फार्म में बदलाव हो गया है। नोटबंदी के दौरान लाखों रुपये बैंक खातों में जमा करने वालों को भी नोटों की पूरी जानकारी देनी होगी। सेकेंडरी 1अभी तक आयकर रिटर्न भरने वाले करदाता अपने एक बैंक खाते का डिटेल देकर भी रिटर्न फाइल कर देते थे। सभी बैंक खातों का ब्योरा देना अनिवार्य नहीं था। अब नए वित्तीय वर्ष में रिटर्न फाइल करने पर करदाता को अपने सभी बैंक खातों का डिटेल देना अनिवार्य होगा। चाहे वह बचत खाता हो या चालू खाता। महज इतना ही नहीं अगर उन्होंने कोई खाता बंद कर दिया है तो उसकी भी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा आपके कितने संयुक्त खाते हैं इसका भी डिटेल देना होगा। अगर करदाता अपनी आय के संबंध में जानकारी छिपाने की कोशिश करेगा और आयकर विभाग की जांच में वह निकल आएगी तो खाते में जो राशि जमा होगी विभाग उसे करदाता की शुद्ध आय मानकर उस पर कर निर्धारण कर देगा।
अब सभी बैंक खातों में पैन कार्ड अनिवार्य हो गया है। इसलिए अगर कोई करदाता अपने बैंक खातों के बारे में जानकारी छिपाना चाहेगा तो वह ऐसा नहीं कर पाएगा। आयकर विभाग सभी खातों के बारे में जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेगा। नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में लाखों रुपये जमा करने वाले करदाताओं को रिटर्न फाइल करते समय इसकी जानकारी देनी होगी कि उन्होंने कितने 500 और एक हजार रुपये के नोट बैंक में जमा किए थे। उनकी आय का जरिया क्या था। कर एवं वित्त सलाहकार डॉ. पवन जायसवाल बताते हैं कि नए वित्तीय वर्ष में रिटर्न फाइल करने वाले करदाताओं को नए फार्म के आधार पर रिटर्न फाइल करना होगा। जिसमें सभी बैंक खातों का ब्योरा देना अनिवार्य होगा। फार्म में कई और बदलाव किए गए हैं।