गोरखपुर : भविष्य सुधारने को चला रहे विशेष कक्षाएं, प्रधानाध्यापक धर्मेद्र चौधरी के नेतृत्व में नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल, विद्या ज्ञान में प्रवेश व छात्रवृत्ति परीक्षाओं की करा रहे तैयारी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे जिन परिवारों से आते हैं, वहां की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
ऐसे अभिभावकों के लिए भी यह कल्पना करना आसान नहीं होता कि उनके बच्चे प्रतिष्ठित विद्यालयों में पढ़ाई करेंगे, लेकिन परिषदीय विद्यालयों के कुछ शिक्षक स्वप्रेरणा से अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों का जीवन संवारने में जुटे हैं। ये विद्यालय के समय के अलावा विशेष कक्षाएं चला रहे हैं और बच्चों को नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल व विद्या ज्ञान अंतरराष्ट्रीय विद्यालय में प्रवेश कि लिए तैयार करते हैं।
विशेष कक्षाएं फायदेमंद होती हैं, यह साबित भी हो चुका है। इन कक्षाओं में शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उन्हें मानसिक रूप से मजबूत भी बनाते हैं। उन्हें यह बताया जाता है कि वे किसी भी दशा में प्राइवेट विद्यालयों के बच्चों से कमतर नहीं हैं।
इन बच्चों के लिए विशेष पाठ्य सामग्री भी तैयार की गई है। प्राथमिक विद्यालय लौकिहवा व प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर के साथ ही जिले के अन्य विद्यालयों में भी इस तरह की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
कैंपियरगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय लौकिहवा में प्रधानाध्यापक धर्मेद्र चौधरी के नेतृत्व में छात्रों के लिए विशेष कक्षा का संचालन किया जाता है। इसका परिणाम है कि पिछले कुछ वर्षो में आधा दर्जन से अधिक छात्रों का प्रवेश नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल व विद्या ज्ञान अंतरराष्ट्रीय विद्यालय में हो चुका है।
बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए चरगांवा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नारायणपुर के सहायक अध्यापक सत्यप्रकाश उपाध्याय ने भी विशेष कक्षा शुरू की है। इस कक्षा में एक दर्जन से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हें नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल व विद्या ज्ञान जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। छात्रवृत्ति परीक्षा में पास होने के लिए भी मार्गदर्शन किया जाएगा।बच्चों को मुख्यधारा में लाना जरूरी1आधा दर्जन से अधिक बच्चों का जीवन पटरी पर ला चुके शिक्षक धर्मेद्र चौधरी कहते हैं कि परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को आगे लाना बहुत जरूरी है। उनके साथ ईमानदारी से लगा जाए तो विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वे खूब पढ़ते हैं। सत्यप्रकाश उपाध्याय का कहना है कि परिषदीय विद्यालय के बच्चों को कामयाब होते देखा तो अपने विद्यालय में भी इस तरह का प्रयोग करने की ठान ली। गगहा क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बेलकुर में सहायक अध्यापक प्रवीण मिश्र कहते हैं कि राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है, अन्य परीक्षाओं के लिए भी छात्रों को प्रेरित किया जाएगा। इसी क्रम में पूर्व माध्यमिक विद्यालय गगहा के सहायक अध्यापक कृपाशंकर, बेलघाट के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बंगाव के सहायक अध्यापक योगेश गौड़ भी छात्रवृत्ति परीक्षा में बच्चों की सफलता के लिए अलग कक्षा चलाते हैं। कौड़ीराम क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठा द्वितीय के अभिषेक भी ऐसी कक्षाएं शुरू करने जा रहे हैं।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए शिक्षक काफी प्रयास कर रहे हैं। इन विद्यालयों से निकलने के बाद उन्हें बेहतर प्लेटफार्म मिल सके, इसके लिए शिक्षक अतिरिक्त मेहनत कर रहे हैं। यह प्रयास सराहनीय है।
भूपेंद्र नारायण सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
‘विमुक्ता’ ने दिखाई सांसारिक बंधनों से मुक्ति की गाथा
जासं, गोरखपुर : ‘रूपांतर’ नाट्य मंच की ओर से मंगलवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में नाटक ‘विमुक्ता’ का भावपूर्ण मंचन किया गया। रंगकर्मी अपण्रेश मिश्र के निर्देशन में मंचित इस नाटक में महिला चरित्र के माध्यम से सांसारिक बंधनों से मुक्ति की गाथा दिखाई गई। ‘विमुक्ता’ मूल रूप से ललिता कुमार (वोल्गा) द्वारा रचित ‘विमुक्ता’ नामक तेलगू उपन्यास के प्रो. टी. विजय कुमार एवं विजयश्री द्वारा अंग्रेजी अनुवाद लिबरेशन आफ सीता पर आधारित है, जिसे निर्देशक ने स्वयं हिंदी रूपांतरण कर नाट्य लेख तैयार किया था।