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जौनपुर : 53 शिक्षकों के फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज गायब

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जौनपुर : 53 शिक्षकों के फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज गायब

हिन्दुस्तान टीम,जौनपुर | Published By: NewswrapUpdated: 

अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का फर्जी आदेश लेकर 2001 से 2003 और 2019 से अब तक जौनपुर के प्राथमिक विद्यालयों में नौकरी करने वाले 53 फर्जी शिक्षकों की पत्रावली रहस्मय ढंग से गायब हो गयी है। सोमवार को छापेमारी के दौरान जांच टीम ने जब पत्रावली मांगी तो विभाग मुहैया नहीं करा सका। सूत्रों की माने तो जांच टीम इससे काफी खफा है। यही वजह है कि पटल प्रभारी के न रहने के कारण मंगलवार को आने वाली जांच टीम वाराणसी से जौनपुर नहीं आयी। विभाग के लोगों को छह जुलाई को वाराणसी में ही तलब किया है।

मामले की विवेचना कर रही आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा वाराणसी के डिप्टी एसपी के निर्देशन में गठित टीम द्वारा निरंतर दबाव बनाए जाने के बावजूद भी अभी तक इस फर्जीवाड़े से जुड़ी अहम पत्रावली जांच टीम के हाथ नहीं लगी। फर्जीवाड़े से जुड़े मामले में संलिप्त बाबुओं और कर्मियों पर शिकंजा कसने अधिकारियों की टीम पिछले कई दिनों से जौनपुर बीएसए कार्यालय में धमक रही है, फिर भी बेसिक शिक्षा विभाग के रसूखदार बाबू की जुगत के चलते टीम को कोई सफलता नहीं मिल पा रही।

खामियों से नाराज ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने फर्जीवाड़े से जुड़े तत्कालीन पटल प्रभारियों व अन्य अधिकारियों को अब सीधे अपने मुख्यालय तलब किया है। शासन के विशेष निर्देश पर जांच टीम जौनपुर में चल रहे इस फर्जी रैकेट का खुलासा करने में लगी है। पटल प्रभारी प्रभारी विजय शंकर से अभी टीम की मुलाकात नहीं हो पायी है। मंगलवार को यह टीम वाराणसी से जौनपुर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आने की तत्पर हुई तो मुख्यालय से ही अधिकारियों को यह बताया गया कि आज भी संबंधित पटल प्रभारी नहीं है, लिहाजा कोई मदद नहीं मिल सकती। इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए प्रदेश शासन ने 19 वर्ष पूर्व हुए फर्जीवाड़े से जुड़े मामले का एक बार फिर नए सिरे से जांच पड़ताल शुरू करा दी हैं।

वर्ष 2001 से 2003 के बीच में फर्जी अंतर्जनपदीय स्थानांतरण आदेश पर जौनपुर के प्राथमिक विद्यालयों में 53 शिक्षकों की ज्वाइनिंग कराते हुए उन्हें 8 करोड़ से अधिक वेतन दिया गया था । इन फर्जी शिक्षकों में सिर्फ 30 शिक्षकों के खिलाफ तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार राय ने लाईन बाजार थाना क्षेत्र में मुकदमा दर्ज कराया था ।जिसकी विवेचना लाईन बाजार पुलिस कर रही थी लेकिन वर्ष 2009 में इस मामले को पुन: ईओडब्ल्यू वाराणसी को सौंप दिया गया है।

हिन्दुस्तान से हुई बातचीत में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा वाराणसी के इंस्पेक्टर और मामले के विवेचक सीपी त्रिपाठी ने कहा कि तत्कालीन पटल प्रभारी और वाराणसी डीआईओएस कार्यालय में तैनात कर्मचारी राजेंद्र यादव, जौनपुर बीएसए कार्यालय में मौजूदा पटल प्रभारी विजय शंकर तथा जौनपुर डीआईओएस कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी को नोटिस देकर तलब किया गया है। इसके अलावा जौनपुर बीएसए कार्यालय में रिटायर्ड हो चुके कर्मी विनोद चौबे समेत पूर्व में यहां तैनात रहे तत्कालीन बीएसए और मौजूदा समय चंदौली जनपद में तैनात जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद कुमार राय को भी 6 जून को ईओडब्ल्यु के समक्ष उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजी गयी है। फिलहाल मामला जो भी हो लेकिन जौनपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में चल रहे फर्जीवाड़े के बड़े गैंग का एसटीएफ लखनऊ द्वारा किए गए खुलासे के बाद से प्रदेश शासन की निगाहें जौनपुर के बीएसए कार्यालय पर पड़ गई है । यही वजह है कि इस कार्यालय में बैठकर फर्जीवाड़े गैंग का रैकेट चलाने वाले सफेदपोश लोगों की और भी गिरफ्तारियां बहुत जल्द हो सकती है।

सूत्रों की माने तो पत्रावली जला दी गयी

आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा वाराणसी की टीम जिन 53 शिक्षकों के फर्जीवाड़े से जुड़ी पत्रावली को अपने कब्जे में लेने के लिए निरंतर हाथ पैर मार रही है। सूत्रों का कहना है कि उक्त पत्रावली से जुड़े सभी दस्तावेज विभाग के चर्चित बाबुओं ने पहले ही नष्ट करवा दिया है। सूत्रों की मानें तो जब बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय हाईिडल कालोनी के पास से डायट परिसर में बने नए भवन में स्थानांतरित हो रहा था, उसी समय पत्रावली को नष्ट कर दिया है। चर्चा तो यह भी है कि उक्त पत्रावली को आग के हवाले कर दिया गया था। जिस के संबंध में पूर्व के बीएसए ने नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था, लेकिन बाबुओं ने लेनदेन करके मुकदमा नहीं दर्ज होने दिया।

जांच के दायरे में जिले के 65 सौ शिक्षक

जौनपुर जिला जिस तरह शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। उसी के समानान्तर फर्जी शिक्षकों का जखीरा भी है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के 65 सौ शिक्षक जांच के दायरे में आ गए हैं। इनकी फाइलें खुलनी शुरू हो गयी हैं। इसी क्रम में सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा वाराणसी की टीम ने जौनपुर में फर्जी अंतर्जनपदीय आदेश के आधार पर नौकरी करने वाले 53 शिक्षकों की फाइल खोल दी। नौकरी पाने वाले इन शिक्षकों को 8 करोड़ से अधिक भुगतान किया गया है। उस दौरान जो भी बीएसए के रूप में तैनात थे। उन सभी 12 बेसिक शिक्षा अधिकारियों समेत 20 कर्मचारियों को नोटिस भेज दी गयी है।

यह नोटिस वर्ष 2001 से 2019 तक बेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में गैर जनपद से स्थानांतरण आदेश लेकर नौकरी करने और फिर बाद में पदोन्नति पाकर जूनियर विद्यालयों में सहायक अध्यापक, हेड मास्टर के पद पर कार्य करने वाले शिक्षकों के फर्जीवाड़े से जुड़ी है। ईओडब्ल्यू की नोटिस से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा है। इस सम्बंध में आर्थिक अपराध शाखा वाराणसी के डिप्टी एसपी एके सिंह ने बताया कि जौनपुर में अब तक 65 सौ से अधिक शिक्षक शासन की जांच के रडार पर हैं।

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