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वाराणसी : एक पैन नंबर वाले पांच शिक्षकों को एक साथ दो जिलों में भुगतान की पुष्टि, रोका वेतन

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वाराणसी : एक पैन नंबर वाले पांच शिक्षकों को एक साथ दो जिलों में भुगतान की पुष्टि, रोका वेतन

वाराणसी वरिष्ठ संवाददाता | 

वाराणसी के चार और प्राथमिक शिक्षकों के नाम उन शिक्षकों की सूची में शामिल हो गए हैं, जिनके नाम पर दो जिलों से वेतन का भुगतान हो रहा है। एक शिक्षक का नाम पहले आ चुका है। इस प्रकार कुल पांच शिक्षक जांच के दायरे में हैं। इस खुलासे के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली हैं। पहले छह शिक्षक चिह्नित हुए थे। जिनके नाम, जन्मतिथि और पैन नंबर अन्य जिलों में भी हैं।

लेखा अधिकारी अनूप मिश्रा ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय पिलखनी में कार्यरत प्रवीण कुमार यादव और अमेठी में कार्यरत इसी नाम के अन्य शिक्षक का पैन नंबर, नाम और जन्मतिथि समान है। दोनों जगह से वेतन का भुगतान हो रहा है। बलिया से भी रिपोर्ट आ गई है, जिसके मुताबिक महात्मा यादव नाम के एक शिक्षक वहां भी पढ़ा रहे हैं। उनकी जन्मतिथि और पैन वाराणसी के जूनियर हाईस्कूल मुंडेरी में कार्यरत महात्मा यादव के समान हैं। वहां भी उन्हें वेतन का भुगतान हो रहा है।

प्रतापगढ़ से आई रिपोर्ट के अनुसार वहां पर कार्यरत राकेश तिवारी का पैन नंबर, जन्मतिथि वाराणसी में प्राथमिक विद्यालय साईपुर में कार्यरत राकेश कुमार त्रिपाठी के समान है। वेतन भुगतान भी हो रहा है। दोनों के नाम में त्रिपाठी और तिवारी का अंतर है। 

आजमगढ़ के लेखाधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में प्राथमिक विद्यालय, इमिलिया में कार्यरत रेखा सिंह के पैन नंबर और नाम पर वहां भी वेतन का भुगतान मई तक हुआ। सेवापुरी ब्लाक के प्रा.विद्यालय देईपुर में कार्यरत अनुराग त्रिपाठी के नाम और पैन नंबर के दूसरे व्यक्ति आंबेडकर नगर में भी एक व्यक्ति मिला है। वहां के बीएसए ने यहां से इस बारे में जानकारी मांगी है। इस प्रकार अब यह स्पष्ट हो गया है कि वाराणसी जिले में चार ऐसे शिक्षक हैं, जिनके नाम से अन्य जनपद में वेतन का भुगतान हो रहा है। दोनों जनपदों में से कहां पर फर्जीगिरी हो रही है। अब जांच इस दिशा में होगी।

वैसे इस मामले में कुल छह शिक्षक चिन्हित हुए थे। इसमें प्राथमिक विद्यालय, खालिसपुर में कार्यरत रामआसरे और प्राथमिक विद्यालय, गंजारी में कार्यरत विजय कुमार का नाम आजमगढ़ की सूची में शामिल था। मगर दोंनों शिक्षकों ने जांच समिति को बताया था कि वे वहां पर तैनात थे। यह हो सकता है कि उनका डाटा डिलीट न हुआ हो। आजमगढ़ से आई रिपोर्ट में कहा गया है कि उक्त दोनों शिक्षकों के नाम, जन्मतिथि और पैन नंबर वहां की सूची में हैं। मगर उन्हें भुगतान नहीं किया गया है। 

वित्त एवं लेखा अधिकारी अनूप मिश्र के मुताबिक पूरी रिपोर्ट से बीएसए को अवगत करा दिया गया है। फिलहाल 4 शिक्षकों का वेतन रोक कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई बीएसए को करनी है । इस मामले में 3 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग है।जिसमें प्रदेश भर में ऐसे सभी192 मामलों पर विचार किया जाएगा। उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।

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