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नई दिल्ली : जनगणना व एनपीआर अपडेट का काम इस साल नहीं होगा, कोरोना महामारी के चलते टली प्रक्रिया

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नई दिल्ली : जनगणना व एनपीआर अपडेट का काम इस साल नहीं होगा, कोरोना महामारी के चलते टली प्रक्रिया


नई दिल्ली । जनगणना के पहले चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में सुधार के काम में एक साल की देरी तय है। कोरोना महामारी के चलते अप्रैल से शुरू होने वाली प्रक्रिया को टाल दिया गया था और फिलहाल संक्रमण में प्रसार में किसी तरह की कमी नहीं नजर आ रही। भारत में जनगणना का काम दुनिया का सबसे बड़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय कवायद है। इसमें 30 लाख से अधिक कर्मचारी लगते हैं, जो देशभर में घर-घर जानकर विभिन्न तरह के डाटा जुटाते हैं।


कोरोना के चलते पहले चरण की जनगणना इस साल संभव नहीं
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'अभी के लिए जनगणना आवश्यक कार्य नहीं रह गया है। अगर इसमें एक साल की देरी भी होती है तो इससे कुछ नुकसान नहीं होने वाला।' अधिकारी ने कहा कि जनगणना के पहले चरण और एनपीआर को अपडेट करने का काम होगा, इसके बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन इतना तो लगभग तय है कि इस साल ये दोनों ही काम नहीं होंगे। दो भागों में होने वाली जनगणना का पहला भाग घरों और मवेशियों की गिनती का काम एक अप्रैल से 30 सितंबर तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था।


अधिकारी ने कहा, विलंब होने से कोई नुकसान नहीं होने वाला
अधिकारी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में लाखों कर्मचारी शामिल होते हैं जो घर-घर जाते हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए हम कर्मचारियों की सेहत को लेकर किसी तरह का जोखिम नहीं उठा सकते। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है। जनगणना और एनपीआर सरकार की वरीयता सूची में नहीं है।

जनगणना का पहला चरण और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन करने का काम जो इस साल होना था‚ वह कोरोना वायरस महामारी के कारण टल गया है। इसके अभी एक और साल तक शुरू होने की

कोई संभावना नजर नहीं आ रही है क्योंकि संक्रमण के थमने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं॥। भारत में जनगणना दुनिया का सबसे बड़़ा प्रशासनिक और सांख्यिकीय अभियान है। इसमें ३० लाख से ज्यादा कर्मचारी/अधिकारी भाग लेते हैं। ये लोग देश के हर कोने में प्रत्येक मकान में जाकर वहां सर्वे करते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया‚ फिलहाल के लिए जनगणना कोई अनिवार्य कार्य नहीं है। अगर इसे एक साल के लिए टाल भी दिया जाए तो कोई नुकसान नहीं होगा। अधिकारी ने बताया कि जनगणना २०२१ का पहला चरण और एनपीआर को अद्यतन करने का काम कब शुरू होगा‚ इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। लेकिन यह लगभग पक्का है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण २०२० में यह काम नहीं होगा॥। जनगणना में मकानों को सूचीबद्ध करने और एनपीआर को अद्यतन करने का काम पहले एक अप्रैल से ३० सितम्बर‚ २०२० तक होना था‚ लेकिन कोविड़–१९ के कारण इसे टालना पड़़ा। अधिकारी ने बताया‚ चूंकि पूरे अभियान में लाखों अधिकारियों को भाग लेना होता है और इसमें प्रत्येक परिवार के पास जाना होता है‚ ऐसे में हम स्वास्थ्य खतरे को कमतर करके नहीं आंक सकते। पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार‚ पूरे देश में जनगणना की तारीख एक मार्च‚ २०२१ होनी थी‚ जबकि जम्मू–कश्मीर‚ हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड़ में बर्फ पड़़ती है‚ वहां इसकी तारीख एक अक्टूबर‚ २०२० थी।

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