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प्रयागराज : पीसीएस-2018 मुख्य परीक्षा में स्केलिंग के खिलाफ याचिका खारिज

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प्रयागराज : पीसीएस-2018 मुख्य परीक्षा में स्केलिंग के खिलाफ याचिका खारिज

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीसीएस 2018 की मुख्य परीक्षा में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा अपनाई गई इसके  स्केलिंग पद्धति को चुनौती देने वाली याचिका हर्जाने के साथ खारिज कर दी है। कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले पाँच अभ्यर्थियों पर दस दस हज़ार रुपये का हर्जाना लगाया है। कोर्ट का कहना था कि इन अभ्यर्थियों ने यह झूठ बोलते हुए याचिका दाखिल की कि इस मामले पर यह उनकी पहली याचिका है। जबकि इससे पूर्व भी वह इसी विषय  पर याचिका दाखिल कर चुके हैं।तथ्य छिपा कर याचिका दाखिल करने पर सभी पर हर्जाना लगाया गया है। आलोक कुमार सिंह व अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने सुनवाई की।याची गण का कहना था की 2018 पीसीएस मुख्य परीक्षा में लोक सेवा आयोग द्वारा अपनाई गई इसके स्केलिंग पद्धति सुप्रीम कोर्ट के संजय सिंह केस में दिए विधि सिद्धांतों के विपरीत है।स्केलिंग लागू करने से चयन प्रक्त्रिस्या दूषित हुई है। आयोग द्वारा लागू स्केलिंग से याचीगण मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो सके। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि लोक सेवा आयोग से सफल अभ्यर्थियों के नाम, प्राप्तांक , उनकी कैटेगरी आदि का पूरा ब्यौरा मांगा जाए। साथ ही याची गण व अन्य सफल अभ्यर्थियों की बिना स्केलिंग और स्केलिंग के बाद की मार्कशीट भी मंगाई जाए ।यह मांग की गई कि आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दाखिल प्रार्थना पत्रों पर याची गण को उत्तर दें। याचिका का विरोध करते हुए लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता का कहना था पीसीएस मुख्य परीक्षा का परिणाम 11 सितंबर 2020 को ही आ चुका है ।आयोग के वकील ने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर के अन्य अभ्यर्थी भी याचिका दाखिल कर चुके हैं पूर्व में याचिका दाखिल करने वालों में वर्तमान याचिकाकर्ताओं में से चार लोग भी शामिल थे। आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी का आरोप नहीं है सिर्फ स्केलिंग पद्धति को लेकर याचिका दाखिल की गई ।जिसका सूचना के अधिकार से कोई लेना देना नहीं है।सूचना के अधिकार के तहत प्रक्त्रिस्या का पालन करते हुए अपील दाखिल कर सकते हैं।दोनों पक्षों विचार करने के बाद कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा संजय सिंह केस में दिया गया निर्णय इस मामले पर लागू नहीं होता है ।साथ ही कोर्ट ने तथ्यों को छुपाकर दोबारा याचिका दाखिल करने पर पाँच
याचिकाकर्ताओं आलोक कुमार सिंह, शशांक शेखर सिंह, उपेंद्र कुमार सिंह, अनुज द्विवेदी, निर्मल कुमार जायसवाल पर दस दस हज़ार का हर्जाना लगाया है ।हर्जाने की राशि एक माह के भीतर उच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने का निर्देश दिया है।

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