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लखनऊ : स्कूलों में नहीं हो सकेंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, देखें क्या है गाइडलाइंस में महत्वपूर्ण बातें

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लखनऊ : स्कूलों में नहीं हो सकेंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम, देखें क्या है गाइडलाइंस में महत्वपूर्ण बातें


 
लखनऊ : माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौ से लेकर कक्षा 12 तक की पढ़ाई 19 अक्टूबर से काफी सर्तकता के साथ शुरू होगी। विद्यार्थी, शिक्षक व अभिभावकों के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। अभी स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम व उत्सव मनाने आदि पर रोक रहेगी।


मार्निंग असेंबली भी यथासंभव कक्षा में ही होगी। अगर क्लास टीचर खेल मैदान या हाल में इसे आयोजित करेगा तो शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन होगा। अभी पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग ऑनलाइन ही होगी। नई कक्षाओं में दाखिले की प्रक्रिया पूरी करने के लिए सिर्फ अभिभावक स्कूल आएंगे। ऑनलाइन एडमिशन पर जोर दिया जाएगा। स्कूल में पूर्णकालिक डॉक्टर, नर्स और काउंसलर की व्यवस्था होगी।



विद्यार्थी को पुस्तकालय, खेल के मैदान या स्कूल परिसर के अन्य भाग में मास्क लगाकर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर ही बैठ सकेंगे। खेलकूद, संगीत-नृत्य व अन्य कला की गतिविधियों को सुरक्षा के मापदंड के साथ छोटे-छोटे समूहों में कर सकेंगे।


शिक्षक विद्यार्थियों को नियमित होमवर्क दिए जाने पर जोर नहीं देंगे बल्कि उन्हें सीखने और उनकी जिज्ञासा को शांत करने पर जोर देंगे। माध्यमिक स्कूलों में 30 फीसद कोर्स पहले ही घटा दिया गया है। ऐसे में पाठ्यक्रम को तीन घटकों में बांटा जाएगा। पहला कक्षा पाठ जिसमें आवश्यक विषय होंगे जिन्हें समझना मुश्किल होगा। दूसरा स्व- शिक्षण पाठ होगा जिसमें ऐसे विषय जो विद्यार्थी घर में पढ़ सकता है। तीसरा पाठ्यक्रम व अधिगम परिणामों का मुख्य हिस्सा नहीं है, इसे इस वर्ष छोड़ा जा सकता है। इसी के अनुरूप विद्यालय शैक्षिक कैलेंडर तैयार कर टाइम टेबल बनाएंगे। खेल के लिए विद्यार्थी बाहर नहीं जा सकते।

गाइडलाइन में यह भी खास

■ क्लास में विद्यार्थियों को तनाव कम करने के लिए योग कराया जाएगा।

■ अगर महामारी के कारण विद्यार्थी स्कूल नहीं आ पा रहे तो टीचर घर पर संपर्क कर सकते हैं।

■ कक्षाओं के इंटरवल का समय अलग-अलग होगा।

■ विद्यार्थियों का कोर्स समय पर पूरा हो इसके लिए टीचर किसी न किसी माध्यम से उससे या अभिभावक से सप्ताह में दो बार संपर्क करेंगे।

■ शिक्षक विद्यार्थियों को जो प्रोजेक्ट वर्क देंगे उसे वह माता-पिता के सहयोग से पूरा कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर वह घर के बजट का चार्ट बना सकते हैं।

■ ऐसे स्कूल जहां आनलाइन पढ़ाई के लिए आंशिक सुविधाएं हैं वहां टीचर एक प्रश्नोत्तरी तैयार कर सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों के प्रयोग से उनका फीडबैक ले सकता है।

■ जिन स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई के लिए बिल्कुल संसाधन नहीं हैं वह टेलीफोन से वार्ता कर विद्यार्थी को घर पर वर्कशीट दे सकते हैं।

■ स्कूल में कोरोना प्रोटोकाल का पालन हो रहा है इसकी जांच के लिए शिक्षक व अच्छे विद्यार्थियों का संयुक्त दल तैयार होगा।

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