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गोरखपुर : प्राइमरी स्कूलों में चलेगी 40 मिनट की ये खास कक्षा, इन छात्रों की क्षमताओं का होगा आकलन

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गोरखपुर : प्राइमरी स्कूलों में चलेगी 40 मिनट की ये खास कक्षा, इन छात्रों की क्षमताओं का होगा आकलन

विवेक सिंह, गोरखपुर।एक मार्च से सभी परिषदीय प्राइमरी स्कूल खुल रहे हैं। इन स्कूलों में रोजाना 40 मिनट की रिमेडियल (उपचारात्मक) कक्षा चलाई जाएगी। गोरखपुर जिले के 1600 परिषदीय स्कूलों में इसे लागू करने की कवायद शुरू हो गई है।बेसिक शिक्षा विभाग ने एक मार्च से स्कूल खुलने के बाद बच्चों की क्षमताओं के आकलन की तैयारी शुरू की है। इसके लिए आकलन प्रपत्र तैयार किया गया है। स्कूल आने वाले छात्रों से पहले इसी आधार पर समीक्षा की जाएगी। जो बच्चे कमजोर मिलेंगे उनके लिए रोजाना पहली कक्षा में 40 मिनट की रिमेडियल क्लास चलाई जाएगी।कक्षा एक से पांच तक के छात्रों की क्षमताओं का आकलन केवल हिंदी और गणित विषय में किया जाएगा। इन दो विषयों में छात्रों के लिए कुछ शब्द पहचानने तथा कुछ प्रश्न हल करने के लिए दिए जाएंगे। अगर वह इन्हें बता लेते हैं तो ठीक, नहीं तो उनकी रिमेडियल कक्षा कराई जाएगी।

*गणित में संख्या पहचानना और हल करना होगा*

गणित में कक्षा एक के बच्चों को निर्धारित सूची में से पांच संख्याओं को सही से पहचानना होगा। कक्षा दो के बच्चों को जोड़ एवं घटाव के एक अंक के 75 फीसदी प्रश्न हल करने होंगे। देखा जाएगा कि कक्षा तीन के बच्चे जोड़-घटाव वाले 75 फीसदी प्रश्नों को सही से हल कर लेते हैं या नहीं? कक्षा चार के बच्चे गुणा के 75% प्रश्नों को सही से हल कर लेते हैं या नहीं। वहीं कक्षा पांच के छात्र भाग के 75 फीसदी प्रश्नों को सही से हल कर पाते हैं या नहीं। अगर यह बच्चे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो इनकी रिमेडियल क्लास होगी।

हिंदी में पहचानने होंगे पांच शब्द

कक्षा एक के बच्चों को हिंदी के पांच शब्द पहचानने होंगे। कक्षा दो के बच्चों को हिंदी में 20 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ना होगा। कक्षा तीन के बच्चों को हिंदी में 30 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ना होगा। कक्षा चार के बच्चों को छोटे अनुच्छेद को पढ़कर 75 फीसदी प्रश्नों का सही उत्तर देना होगा। कक्षा पांच के बच्चों को हिंदी में बड़े अनुच्छेद को पढ़कर 75 फीसदी प्रश्नों का सही उत्तर देना होगा।
 
बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि कोरोना काल में घर रहने के दौरान बच्चों ने कितना सीखा है, इसका आकलन करने का निर्देश शासन स्तर से मिला है। बच्चों की कमियों को जानकार उनके लिए 40 मिनट की रिमेडियल कक्षाएं चलाई जाएंगी।

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