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लखनऊ : 'इको अटेंडेंस ऐप' से लगेगी शिक्षकों व छात्रों की अटेंडेंस, राजधानी के सभी 1839 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में व्यवस्था लागू करने का आदेश, अभी तक सिर्फ 20 स्कूलों में पायलट प्रॉजेक्ट के तहत हुई थी शुरुआत

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लखनऊ : 'इको अटेंडेंस ऐप' से लगेगी शिक्षकों व छात्रों की अटेंडेंस, राजधानी के सभी 1839 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में व्यवस्था लागू करने का आदेश, अभी तक सिर्फ 20 स्कूलों में पायलट प्रॉजेक्ट के तहत हुई थी शुरुआत, अब प्रदेश भर में लागू की गई व्यवस्था

• एनबीटी, लखनऊ । अब राजधानी में बेसिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की मोबाइल ऐप के जरिए अटेंडेंस लगेगी। बीते नवंबर में लखनऊ के 20 स्कूलों में पायलट प्रॉजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की गई थी। अब परिषद ने इसे राजधानी सहित प्रदेश के 10 जिलों के सभी प्राइमरी, जूनियर स्कूलों में लागू करने का फैसला किया है। अपर शिक्षा निदेशक (बेसिक) ललिता प्रदीप ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें कि राजधानी में 1839 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में करीब दो लाख 29 हजार बच्चे पढ़ाई करते हैं।
ये होगी प्रक्रिया
ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए अनुश्री टेक्नॉलजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने नवंबर में 'इको अटेंडेंस ऐप' डिवेलप किया था। कंपनी में कार्यरत परमीत कौर ने बताया कि प्रत्येक स्कूल के हेड टीचर को अपने एनड्रॉयड फोन में 'इको अटेंडेंस ऐप' डाउनलोड करना होगा। इसके बाद स्कूल के यू-डायस कोड की इंट्री करते ही पासवर्ड (स्मॉल एबी@345) अंकित करना होगा। इस प्रक्रिया के बाद शिक्षक को अपने सभी बच्चों के नाम, क्लास के अलावा अन्य शिक्षकों के नाम फीड करने होंगे। फिर उन्हें अटेंडेंस के लिए ऐबसेंट और प्रजेंट कॉलम में टिक करना होगा।
अभी तक सिर्फ 20 स्कूलों में पायलट प्रॉजेक्ट के तहत हुई थी शुरुआत
राजधानी के 20 स्कूलों में मोबाइल ऐप से अटेंडेंस का प्रयोग सफल रहा है। अब इसे सभी प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में लागू करने के निर्देश आए हैं। मंडल के सभी जिलों को यह प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश भेजे जा रहे हैं।
- डॉ. अमरकांत सिंह, प्रभारी, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक)
इन जिलों में भी होगी शुरुआत
बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र, बरेली और लखनऊ।

अब प्रदेश भर में लागू की गई व्यवस्था, मिड-डे-मील लेने के लिए छात्रों को करना होगा हस्ताक्षर

एनबीटी, लखनऊ: अब मिड-डे-मील लेने के लिए छात्रों को रजिस्टर पर हस्ताक्षर करना होगा। प्रदेश सरकार ने बांदा जिले में लागू व्यवस्था को प्रदेश के सभी जिलों में लागू करने का फैसला किया है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. प्रभात कुमार ने निर्देश जारी कर दिए हैं।
दरअसल, मध्याह्न भोजन योजना के तहत सभी परिषदीय, राजकीय, ऐडेड, मदरसों में कक्षा एक से आठ तक के एक करोड़ 80 लाख बच्चों को मिड-डे-मील दिया जाता है। विभाग ने हर स्कूल को एक रजिस्टर दिया है, जिस पर स्कूल के प्रिंसिपल छात्र संख्या भरकर हस्ताक्षर करते हैं। इसी आधार पर विभाग पेमेंट देता है। कई बार खाना देने वाले एनजीओ से सेटिंग की वजह से गलत छात्र संख्या भरे जाने की शिकायतें सामने आई हैं। इस पर नकेल कसने के लिए छात्रों से हस्ताक्षर करवाने की व्यवस्था लागू किया जाएगा। खाना खाने वाले सभी बच्चों को मिड-डे-मील के रजिस्टर पर रोजाना क्लास लिखकर हस्ताक्षर करना होगा, जिससे यह पता चलेगा कि किस बच्चे ने खाना खाया और किसने नहीं।
कक्षा एक और दो के बच्चे बनाएंगे अक्षर: वहीं कक्षा एक और दो के बच्चे हस्ताक्षर करने में असमर्थ हैं। ऐसे में इन बच्चों को हस्ताक्षर या फिर किसी वर्णमाला का अक्षर बनाना सिखाया जाएगा। इसी अक्षर को हस्ताक्षर माना जाएगा, जिससे कोई असुविधा न हो। गैरहाजिर बच्चों को लाल स्याही से दिखाया जाएगा।

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