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कुशीनगर : माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के दो तिहाई पद रिक्त

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कुशीनगर : माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के दो तिहाई पद रिक्त

- जिले में 55 वित्तपोषित और 19 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं
- इन विद्यालयों में 75 हजार से अधिक विद्यार्थी करते हैं पढ़ाई
संवाद न्यूज एजेंसी
पडरौना (कुशीनगर)। जिले के अनुदानित और राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 1484 में से 1015 पद रिक्त हैं। प्रधानाचार्यों के भी 74 में से 56 पद रिक्त हैं। जबकि इन सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में करीब 75 हजार बच्चे नामांकित हैं। रिक्त पदों का विवरण शासन की तरफ से हर वर्ष मांगा जाता है, लेकिन रिक्तियों के सापेक्ष नियुक्तियां नहीं हो पाती हैं। कार्यरत अध्यापक ही अधिकांश स्कूलों में प्रभारी प्रधानाचार्य हैं। इन स्कूलों में सबसे अधिक गणित, विज्ञान व अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के पद रिक्त हैं।
जिले में 55 माध्यमिक विद्यालय सरकार से वित्त पोषित हैं। इनमें प्रधानाचार्य के 55 में से 40 पद रिक्त हैं। स्कूल संचालन के लिए वरिष्ठ अध्यापकों को प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया है। इसके चलते कई जगह विवाद की स्थिति है। प्रवक्ता के 260 में से 152 पद रिक्त हैं। जबकि इंटर की कक्षाओं में प्रवक्ता ही शिक्षण कार्य करते हैं। इसके अलावा सहायक अध्यापक के भी 1015 में से 686 पद रिक्त हैं। संलग्न प्राइमरी, जूनियर व हाईस्कूल की कक्षाएं सहायक अध्यापकों के जिम्मे रहती हैं।
इनसे भी बदतर दशा 19 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की है। इनमें प्रधानाचार्य के 19 में से 16 पद रिक्त हैं, जबकि प्रवक्ता के 57 में से 50 और सहायक अध्यापक के 152 में से 127 पद रिक्त हैं। राजकीय विद्यालय तो अधिकांश जगह कार्यवाहक के भरोसे ही संचालित हैं। हर जगह दो से तीन अध्यापकों के भरोसे काम चल रहा है। इन अनुदानित व राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सबसे अधिक गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे विषयों के शिक्षकों के पद रिक्त हैं। माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की सूची शासन की तरफ से हर वर्ष मांगी जाती है, लेकिन रिक्तियों के सापेक्ष नियुक्ति नहीं होने से इन विद्यालयों में नामांकित विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
शिक्षकों की कमी से बिगड़ गई है व्यवस्था
राष्ट्रीय इंटर कॉलेज भुजौली के प्रधानाचार्य डॉ. देवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षकों की तैनाती के लिए विभाग को कई बार मांग पत्र दिया गया, लेकिन अभी तक महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की तैनाती भी नहीं हुई।
किसान इंटर कॉलेज पिपरा बाजार के प्रधानाचार्य डॉ. अश्विनी कुमार पांडेय ने बताया कि शिक्षकों की तैनाती नहीं होने से विद्यालय संचालन में परेशानी होना लाजमी है। स्थानीय स्तर पर शिक्षक तैनात कर किसी तरह विद्यालय संचालन का कार्य चलाया जा रहा है।
पंचायत इंटर कॉलेज बोदरवार के प्रधानाचार्य गोविंद मिश्र का कहना है कि विद्यालय में महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं होने से पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। विद्यालय संचालन में दिक्कत हो रही है।
पावानगर महावीर इंटर कॉलेज फाजिलनगर के प्रधानाचार्य डॉ. अक्षयवर पांडेय का कहना है कि विद्यालय में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण शिक्षकों की कमी होने से सरकारी विद्यालयों में छात्र संख्या कम होती जा रही है।
शासन को भेजी गई है रिक्तियों की सूचना : डीआईओएस
वित्तपोषित और राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों कमी से पढ़ाई समेत अन्य शैक्षिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिले में रिक्त पदों की सूची शासन को भेजी गई है। शासन के तरफ से भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। आयोग की तरफ से शीघ्र ही जिले में शिक्षकों की तैनाती होने की उम्मीद है।

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